ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 5 जून
हरियाणा की सत्तारूढ़ भाजपा ने राज्य में लोकसभा की दस सीटों में से पांच पर हार को लेकर मंथन शुरू कर दिया है। बुधवार को चंडीगढ़ में सीएम नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में भाजपा विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में लोकसभा की सभी दस सीटों के नतीजों पर समीक्षा की गई। विधायकों से चुनाव में हुई हार-जीत पर फीडबैक भी लिया। बैठक में पार्टी इस नतीजे पर पहुंची कि रुठे हुए कार्यकर्ताओं को उनके बीच जाकर मनाया जाएगा तथा यह काम स्वयं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उनकी सरकार के मंत्री, सांसद और विधायक करेंगे। बैठक में सर्वसम्मति से तय हुआ कि अक्तूबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से पहले गांवों में प्रवास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री नायब सैनी, पूर्व सीएम मनोहर लाल, मंत्री और विधायक गांवों में प्रवास करेंगे और लोगों की समस्याओं को दूर करेंगे। इसी के चलते नायब सरकार टेस्ट मैच के बजाय ट्वेंटी-ट्वेंटी मोड पर आ गई है और बचे हुए कार्यों को जल्द पूरा करवाने की कवायद शुरू कर दी है। फरवरी-मार्च में बजट सत्र के चलते विकास कार्य प्रभावित हुए थे। इसके बाद लंबी आचार संहिता की वजह से नये कार्यों की शुरुआत नहीं हो पाई। सीएम ने सभी विधायकों को कहा है कि वे रुके हुए कार्यों को जल्द पूरा करवाएं। साथ ही, नये कार्यों की भी जल्द मंजूरी करवा कर उन पर काम शुरू करवाने को कहा है। उन्होंने ग्राउंड पर आम लोगों को प्रॉपर्टी आईडी, परिवार पहचान-पत्र या किसी भी वजह से आ रही दिक्कतों को जल्द ठीक करवाने को कहा है। सरकार की ओर से भी इसके लिए विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि बैठक में चुनावों के दौरान अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा सहयोग नहीं किए जाने का मुद्दा भी उठाया। अधिकारियों ने भाजपा नेताओं को जरूरी परमिशन देने में भी आनाकानी की। अधिकारियों ने अपने स्तर पर ही कई ऐसे फैसले भी किए, जिनकी वजह से लोगों में नाराजगी बढ़ी।
कई विधायकों ने ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी उठाई। राज्य मंत्री व बवानीखेड़ा विधायक बिशम्बर वाल्मीकि ने कहा कि उनके खुद के बूथ पर कुल पोल हुए मतों से अधिक की गिनती हुई है। उन्होंने इसमें धांधली होने की बात भी उठाई। कई विधायकों ने कहा कि भितरघात की वजह से भी पार्टी को लोकसभा चुनावों में नुकसान हुआ है। वर्करों द्वारा पिछले चुनावों की तुलना में इस बार अधिक सक्रियता से काम नहीं करने का मुद्दा भी बैठक में उठा। सीएम ने सभी मंत्रियों व विधायकों को उन हलकों पर फोकस करने को कहा, जहां पार्टी का प्रदर्शन कमजोर रहा।यहां बता दें कि भाजपा के कई दिग्गज नेताओं के यहां भी पार्टी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा है।
95 दिन एक्टिव रहेगी सरकार
नायब सरकार के पास अब काम करने के लिए लगभग 95 ही दिन बचे हैं। इसके बाद विधानसभा चुनावों का कभी भी ऐलान हो सकता है। ऐसे में इन दिनों में किए जाने वाले कार्यों के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की जा रही है। विकास परियोजनाओं के अलावा आम लोगों से जुड़े कार्यों एवं योजनाओं को अब पंख लगेंगे। इतना ही नहीं, सरकार के सभी सांसद, मंत्री और विधायक भी फील्ड में सक्रियता बढ़ाएंगे। लोगों से मिलेंगे और उनकी समस्याओं को दूर करवाएंगे।