रेवाड़ी, 6 जून (हप्र)
जिले के गांव गोकलगढ़ में राजा मित्रसेन की पुण्यतिथि पर प्रोफेसर महावीर यादव द्वारा भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। एक ओर जहां दूर-दराज से पहुंचे लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि देकर बाकली व शक्कर का प्रसाद ग्रहण किया, वहीं अनेक महिलाओं ने गीत गाकर उनकी वीरता पर प्रकाश डाला।
बता दें कि राजा मित्रसेन का पैतृक गांव गोकलगढ़ है और यहां पर उनकी समाधि भी बनी हुई है जिस पर हर वर्ष ऐसे ही कार्यक्रम आयोजित होते हैं। कार्यक्रम में पहुंचे डा. सतीश खोला ने राजा मित्रसेन के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हुए कहा कि राजा मित्रसेन की वीरता गांव गोकलगढ़ समेत आस-पास के गांवों तक चर्चित हैं। पिछले कई सालों से ज्येष्ठ मास की अमावस्या को आस-पास गांवों की महिलाएं व पुरुष नए वस्त्रों में अपने-अपने हाथों में मिट्टी का करवा, करवे में गेहूं व चने की बाकली और शक्कर भरकर राजा मित्रसेन की समाधि पर पहुंचते हैं और उन्हें भोग लगाकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
इस मौके पर धर्मवीर पंच, लल्लू पंच, संदीप, बंटी, भजनलाल शर्मा, राकेश, किशन पंच, बिमला यादव पंच, सावित्री, रेखा, सुनीता आदि सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।