चंडीगढ़, 7 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने प्रदेश में स्थापित की गई फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) में लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाने को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने एफएसएल में मौजूदा स्टाफ की कार्य प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया। कपूर ने एफएसएल के अधिकारियों को अलग-2 पैरामीटर के अनुसार कार्य करने के निर्देश दिए।
बैठक में पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा प्रदेश में एफएसएल के उपनिदेशकों ने भाग लिया। कपूर ने कहा कि एफएसएल में आने वाले नमूने पर कम समय लगे इसे लेकर अतिरिक्त मैनपावर तथा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस उपकरण उपलब्ध करवाये जाएंगे। इससे विशेषज्ञों की काम को लेकर आउटपुट बढ़ेगी। उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए कि वे औद्योगिक अभियांत्रिकी के सिद्धांत पर प्रक्रियाओं का अध्ययन करें और जहां संभव हो सहकर्मी स्टाफ की संख्या बढ़ाना तथा नई तकनीक के उपकरण उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने अधिकारियों को जांच के लिए नमूने एकत्रित करने से लेकर इसके परिणाम आने तक की पूरी प्रक्रिया का अध्ययन करने के लिए कहा। बैठक में बताया गया कि जल्द ही एफएसएल में नए स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी जिससे जांच की प्रक्रिया पहले की अपेक्षा तेज होगी। एफएसएल को जल्द ही हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से 53 वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक तथा वैज्ञानिक सहायक के पद पर भर्ती की जा रही है। भर्ती प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से 135 वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक, वैज्ञानिक सहायक तथा प्रयोगशाला सहायक की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इनमें से 14 कर्मचारियो ने ज्वाइन कर लिया है और अन्य पदों के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा, हरियाणा पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के माध्यम से 23 वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारियों की चयन परीक्षा इस महीने आयोजित की जा रही है। इसके साथ ही साइबर फॉरेंसिक यूनिट के लिए 155 पद और सृजित किए हैं।
नए कानून के मुताबिक होगा काम
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में वर्तमान में मोबाइल फॉरेंसिक साइंस यूनिट 23 टीमें अलग-2 जिले में कार्यरत हैं, जो घटनास्थल पर जाकर नमूने एकत्रित करती हैं। उन्होंने कहा कि नए कानून के अनुसार 7 साल से अधिक सजा वाले मामलों में घटनास्थल पर सीन ऑफ क्राइम टीम का विजिट करना अनिवार्य है। उन्होंने बैठक में उपस्थित उप निदेशकों को निर्देश देते हुए इसकी पालना सुनिश्चित करने के लिए कहा।
दो शिफ्ट में कर सकेंगे ड्यूटी
वर्तमान में प्रदेश में 5 एफएसएल लैब हैं। यहां नमूनों की जांच करते हुए रिपोर्ट तैयार की जाती है। एफएसएल द्वारा की गई जाने वाली जांच में विशेषज्ञों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में विशेषज्ञ तथा सहयोगीकर्मी एक बेहतर तालमेल के साथ काम करें। उन्होंने नमूने एकत्रित करने उपरांत इनकी रिपोर्ट जल्द से जल्द तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके लिए अधिकारी स्टॉफ की दो शिफ्टों में भी ड्यूटी लगा सकते हैं।