कुरुक्षेत्र, 7 जून (हप्र)
प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार कर्मचारी मांगों की अनदेखी कर रही है। पूरा कर्मचारी वर्ग सरकार की इस नीति से परेशान है। सरकार ने कर्मचारियों की पिछले 10 वर्ष में एक भी मुख्य मांग को पूरा नहीं किया।
लगातार नए-नए प्रयोग करके कर्मचारियों की परेशानियों को बढ़ाया जा रहा है। यह आरोप सर्व कम्रचारी संघ हरियाणा के प्रधान धर्मवीर फोगाट व महासचिव नरेश कुमार ने प्रदेश सरकार पर लगाए।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार की तरफ से एक भी कर्मचारी को पक्का करने की नीति नहीं बनाई गई। सरकार ने कौशल रोजगार निगम का गठन करके कर्मचारी को हमेशा कच्चा रखने का काम किया।
यही नहीं चतुर्थ श्रेणी के लिए भी कौशल निगम से रिटायरमेंट आयु 58 वर्ष कर दी गई। विभागों में खाली पड़े लाखों पदों पर कोई भर्ती नहीं की गई।
इस वजह से हरियाणा पूरे देश में बेरोजगारी में प्रथम स्थान पर है। नगर निगम के हजारों कच्चे कर्मचारियों की छंटनी कर दी गई है।
कच्चे कर्मचारियों को मनमर्जी से नौकरी से बाहर किया जा रहा है। कोई श्रम कानून नहीं बचा है।
पुरानी पेंशन बहाल करने जैसी मुख्य मांग पर कोई सकारात्मक रुख नहीं है। आठवां वेतन आयोग का गठन करने जैसी कोई योजना नहीं है। चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का कॉमन काडर बना कर विभागीय व तकनीकी पदों पर पदोन्नति के सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं।
कर्मचारियों ने जब-जब भी इन मांगों को लेकर आंदोलन किया सरकार की तरफ से बातचीत की बजाय लाठी,आशु गैस, वॉटर कैनन का प्रयोग हुआ। सरकार ने कर्मचारियों के साथ कोई बात नहीं की गई।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री सहित मंत्रिमंडल बदल दिया गया। नए मुख्यमंत्री नायब सैनी को भी सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने मांग पत्र भेज कर बातचीत के लिए समय की मांग की थी, परंतु अभी तक इस दिशा में सरकार की तरफ से कोई पहल कदमी नहीं दिखाई गई।
कर्मचारी वर्ग से किए गए व्यवहार का नतीजा लोकसभा चुनाव में सामने है। भाजपा को आधी सीटें गंवानी पड़ी। लगता है कि सरकार ने इससे कोई सबक नहीं लिया है। कर्मचारी आंदोलन से लगातार संवादहीनता की स्थिति बनी हुई हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा तो चुनाव के दौरान 5 जून के बाद अधिकारी कर्मचारियों को देख लेने की धमकी पर उतर आए।
उन्होंने कहा कि सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा दी गई धमकी की निंदा करते हुए यह बताना चाहता है कि हरियाणा का कर्मचारी इन धमकियों से डरने वाला नहीं है।
बातचीत कर हल निकालें सीएम
सर्व कर्मचारी संघ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से अनुरोध करना चाहता है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल करके बातचीत के रास्ते कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान किया जाए ताकि कर्मचारी वर्ग को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि 3 महीने बाद राज्य में विधानसभा चुनाव है। चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री की धमकी काम नहीं आएगी। कर्मचारियों को दी गई राहत काम आएगी। उन्होंने कहा कि सर्व कर्मचारी संघ हमेशा बातचीत के रास्ते समस्याओं का समाधान के पक्षधर रहा है। दोबारा बातचीत के लिए स्मरण पत्र मुख्यमंत्री को लिखा है। सरकार यदि बातचीत के रास्ते पर नहीं आती तो इसी मास 15-16 जून को दो दिवसीय राज्य कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक कर आगामी आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्पष्ट हैं की मांगों का समाधान होने तक आंदोलन जारी रहेगा।