मनीमाजरा (चंडीगढ़), 9 जून (हप्र)
इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स (आईसीएमए) की प्रोफेशनल डेवलपमेंट कमेटी ने चंडीगढ़-पंचकूला-मोहाली चैप्टर के सहयोग से ‘विकसित भारत-2047 और विकासशील भारत 2047 में सीएमए की भूमिका’ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया। इस सेमिनार का उद्घाटन चंडीगढ़ के पीडीएच हाउस में इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएमएआई) के प्रेसिडेंट सीएमए अश्विन दलवाड़ी ने सीएमए बिभूति भूषण नायक, वाईस प्रेसिडेंट और इंस्टिट्यूट के सेंट्रल काउंसिल मेंबर सीएमए मनोज के.आनंद की मौजूदगी में किया। सीएमए और उद्योग जगत के अन्य पेशेवरों को संबोधित करते हुए, दलवाड़ी ने उद्योग जगत में औपचारिक लागत निर्धारण तंत्र पर जोर दिया, खासकर एमएसएमई क्षेत्र में, ताकि उन्हें वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि एमएसएमई की रीढ़ हैं और रोजगार भी पैदा करते हैं। एमएसएमई क्षेत्र में औपचारिक लागत निर्धारण को अपनाने से उन्हें अपने संसाधनों के बेहतर तरीके से उपयोग की निगरानी करने में मदद मिलेगी और एमएसएमई वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे। उन्होंने आगे जोर दिया कि हमें 2047 तक भारत को विकासशील अर्थव्यवस्था बनाने के लिए समाज के हर कोने तक पहुंचना होगा।
इस अवसर पर इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के प्रोफेशनल डेवलपमेंट कमेटी के चेयरमैन सीएमए मनोज के. आनंद ने भी बताया कि कैसे आईसीएमएआई सरकार में नीति निर्माताओं को उद्योग में अलग और प्रभावी प्रथाओं को अपनाने में मदद कर रहा है ताकि स्थानीय उद्योग को वैश्विक खिलाड़ी बनाया जा सके। चैप्टर की प्रोफेशनल डेवलपमेंट कमेटी के अध्यक्ष सीएमए गुलशन कुमार ने उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का परिचय दिया और सेमिनार के विषय के बारे में भी बात की।