फरीदाबाद, 9 जून (हप्र)
धोखाधड़ी के मामले में फंसाने की धमकी देकर एक बुजुर्ग को ठगों ने कई घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। उससे 12 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। आरोपी अपने आपको मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच के अधिकारी बता रहे थे। पीडि़त ने इसकी शिकायत साइबर थाने में दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
साइबर थाना एनआइटी में चार्मवुड विलेज में रहने वाले बुजुर्ग ने दी शिकायत में बताया कि 13 मई की दोपहर को उसके पास एक मैसेज आया। इसमें पूछा गया कि आपके क्रेडिट कार्ड से 43 हजार 565 रुपये खर्च किए गए हैं।
बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर खाता किया खाली
क्या यह पैसे आपने खर्च किए हैं। उसने मैसेज में नहीं लिखकर भेज दिया। इसके बाद उनके पास एक व्यक्ति ने कॉल की।
उसने अपना नाम रमेश यादव बताया और कहा कि वह एचडीएफसी बैंक क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट मुंबई से बोल रहा हूं। उसने बताया कि बैंक की ओर से अजमेर के अजय नागर के नाम क्रेडिट कार्ड जारी किया गया है, लेकिन इस कार्ड से किसी ने चेन्नई में खरीदारी की गई है। उसने बुजुर्ग को बताया कि क्रेडिट कार्ड की जांच की तो इसमें आधार और मोबाइल नंबर उसका मिला।
इस धोखाधड़ी की बाबत एक मुकदमा मुंबई में दर्ज कराया गया है। इसके बाद बैंककर्मी के रूप में फोन कर रहे रमेश यादव ने उसकी कॉल को साइबर क्राइम ब्रांच ग्रेटर मुंबई में डायवर्ट कर दिया गया।
वहां कोई अजय कुमार उनसे बात करने लगा। इसके बाद उनकी बात किसी प्रताप सिंह से कराई गई जिसने अपने आपको डीसीपी साइबर क्राइम बताया। आरोपी फोन पर लगातार उससे पांच घंटे तक बात करते रहे। इस दौरान उससे उसके बैंक खातों सहित अन्य जरूरी जानकारी ली। वह उसे लगातार धमकी देते रहे।
उसने इस मुकदमे की एवज में उससे 12 लाख रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा। इसके लिए उसे अकाउंट नंबर भी बताया गया। आरोपी उससे अगले दिन भी इसी मामले को लेकर सुबह आठ बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक फिर बात करते रहे।
इसके बाद उसने बैंक जाकर आरटीजीएस के माध्यम से पैसे ट्रांसफर कर दिए।