नयी दिल्ली, 11 जून (एजेंसी)
केंद्र सरकार की वीआईपी सुरक्षा व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव नजर आने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय के तहत आने वाले इस महत्वपूर्ण विषय की समीक्षा जल्द की जा सकती है। सूत्रों ने बताया कि यह निर्णय लिया गया है कि वीआईपी की सुरक्षा ड्यूटी से ‘ब्लैक कैट’ कमांडो को पूरी तरह से हटाने के काफी समय से लंबित प्रस्ताव को अब लागू किया जाएगा। ‘जेड-प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा सीआरपीएफ की वीआईपी सुरक्षा इकाई को सौंपी जाएगी। इसी तरह आईटीबीपी के कर्मियों द्वारा कुछ वीआईपी को दी जा रही सुरक्षा सीआरपीएफ या सीआईएसएफ के विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) को सौंपी जा सकती है।
एनएसजी कमांडो की सुरक्षा पाने वाली हस्तियों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री एवं बसपा सुप्रीमो मायावती, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और तेलुगु देशम पार्टी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू को भी एनएसजी कमांडो की सुरक्षा प्राप्त है। आईटीबीपी द्वारा सुरक्षा प्रदान किये जा रहे व्यक्तियों में भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती तथा कुछ अन्य शामिल हैं।
2012 से बन रही योजना : एनएसजी को वीआईपी सुरक्षा कार्यों से मुक्त करने की योजना 2012 से ही बनाई जा रही है। केंद्र सरकार का मानना है कि एनएसजी को आतंकवाद-रोधी और अपहरण-रोधी अभियानों के विशिष्ट कार्यों को संभालने के अपने मूल उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।