गुंजन कैहरबा/निस
इन्द्री, 11 जून
तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं, ये दावा किताबी है। शायर अदम गोंडवी की गजल की ये पंक्तियां जिला के कई गांवों में बनाई जा रही व्यायामशालाओं के निर्माण कार्य के मामले में सटीक लग रही हैं। व्यायामशालाओं का निर्माण शुरू तो हुआ, लेकिन समाप्त नहीं हुआ। उपमंडल के तीन गांवों-खेड़ा, गढ़पुर खालसा और बुटानखेड़ी में व्यायामशालाओं का निर्माण कार्य गत कईं वर्षों से लटका हुआ है। यही कारण है कि गांवों में व्यायामशालाएं बनाने की योजना कागजों में दम तोड़ चुकी है। भाजपा ने हरियाणा में अपनी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान गांवों में व्यायामशालाएं खोलने की घोषणा की थी। 2015 में जिला प्रशासन द्वारा जिला के 50 गांवों में व्यायामशालाएं खोलने की बात की गई। उस समय विभिन्न नेताओं ने व्यायामशालाओं से युवाओं को खेलने की जगह और खेल संस्कृति के निर्माण की घोषणाएं की थी।
निर्माण के लिए यह तय हुई थी शर्तें
गांवों में व्यायामशालाएं खोलने के लिए सबसे पहली शर्त पंचायत द्वारा विभाग को दो एकड़ जगह देने की थी। यह जगह गांव से ज्यादा दूर भी नहीं होनी चाहिए, ताकि लोगों को वहां जाने में दिक्कत नहीं हो। व्यायामशाला के लिए दी जाने वाली जगह समतल भी जरूर होनी चाहिए। पंचायतों द्वारा सभी शर्तें पूरी कर लेने के बाद व्यायामशालाओं के निर्माण कार्य शुरू हुए। निर्माण के लिए पहली किस्त के रूप में 20 लाख रुपये का अनुदान दिया गया। गांव खेड़ा तत्कालीन सरपंच के प्रतिनिधि संजीव कांबोज ने बताया कि दो एकड़ भूमि की चारदिवारी करने और शैड के निर्माण के लिए यह अनुदान पर्याप्त नहीं था। उन्होंने कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही पहली किश्त की यूसी कार्यालय में जमा करवा दी थी। दूसरी किस्त फिर आई नहीं। बाद में कोई अनुदान आया हो, इसके बारे में तो मौजूदा पंचायत या फिर बीडीपीओ कार्यालय जानकारी दे सकता है। अनुदान के बिना भला कैसे व्यायामशाला का निर्माण कार्य पूरा होगा।
क्या कहती हैं सरपंच
गांव खेड़ा की सरपंच पूजा देवी ने बताया कि निर्माणाधीन व्यायामशाला का काफी काम अधूरा है। पंचायत के पास इतने रुपये नहीं हैं कि वह कार्य करवा सके। पंचायत ने प्रस्ताव पास करके बीडीपीओ कार्यालय को दे रखा है।
क्या कहते हैं एसईपीओ
एसईपीओ बलकार सिंह ने कहा कि पंचायतों के पास आई पहली किस्त के पैसे खर्च हो चुके थे। आगे कोई अनुदान जारी नहीं हुआ, जिसके कारण से निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं।
क्या कहा एसडीओ पंचायती राज ने
एसडीओ पंचायती राज हाकम सिंह ने कहा कि व्यायामशालाओं के लिए 20 लाख रुपये की पहली किस्त जारी की गई थी। पंचायतों के कार्यकाल की समाप्ति से पहले बहुत-सी पंचायतों ने पहली किस्त की यूसी नहीं दी। उसके बाद पंचायतों के कार्यकाल समाप्त हो गए। अब इस बारे में बीडीपीओ ही कुछ बता सकते हैं।