प्रदीप साहू/हप्र
चरखी दादरी, 11 जून
चरखी दादरी जिले के गांव पिचौपा कलां पहाड़ में बड़े स्तर पर अवैध माइनिंग का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने एक माइनिंग कंपनी पर अवैध रूप से पत्थरों का दोहन कर सरकार को चूना लगाने के आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों ने मंगलवार को पहाड़ क्षेत्र में एकत्रित होकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। वहीं ग्रामीणों ने अवैध माइनिंग बंद करवाने व माइनिंग करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों ने बताया कि पिचौपा कलां पहाड़ में एक माइनिंग कंपनी मनमानी कर अवैध माइनिंग कर रही है। उन्होंने कहा कि माइनिंग के दौरान पूरी तरह से अनियमितताएं बरतने के साथ दूसरा फ्रॉड किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों पर भी कंपनी के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि कंपनी के पास जो एरिया है, उससे कहीं अधिक एरिया में खनन किया जा रहा है। इसके अलावा कंपनी का सालाना खनन की जो क्षमता थी वो पूरी हो चुकी है जिसके चलते यहां खनन नहीं किया जा सकता। लेकिन फर्जी तरीके से दूसरे स्थान के बिल काटकर यहां खनन जारी है। लगातार हो रहे अवैध खनन के कारण भूमिगत पानी भी निकल चुका है लेकिन इसके बावजूद खनन किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने रोष जताते हुए कहा कि वे इस संबंध में पुलिस व प्रशासन को भी अवगत करवा चुके हैं लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। अवैध रूप से किए जा रहे ब्लास्ट के कारण किसानों ने सिंचाई के लिए जो कुएं बनाए हैं उनमें दरार आ चुकी है और भूमिगत जलस्तर लगातार गहराता चला रहा है। वहीं ग्रामीणों ने माइनिंग कंपनी संचालकों पर आरोप जड़ते हुए कहा कि यदि इस संबंध में कोई शिकायत करता है तो वे जान से मारने की धमकी दी जाती है बीते दिनों सरपंच प्रतिनिधि को भी इस प्रकार की धमकी मिल चुकी है।
ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन द्वारा पिचौपा कलां से शीशवाला व बादल को जाने वाले लिंक मार्ग का निर्माण करवाया गया था। इस लिंक मार्ग से हरियाणा रोडवेज की बसें भी जाती थीं, लेकिन कंपनी द्वारा करीब दो साल पहले इस मार्ग को उखाड़ दिया गया और वहां माइनिंग कर ली गई, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गलत बिल काटे जाने की जांच होगी : खनन िनरीक्षक
दादरी माइनिंग कार्यालय में तैनात खनन निरीक्षक ने कहा कि जो भी माइनिंग की जाती है, वह सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही की जाती है। आज ही उनके संज्ञान में ये मामला आया है। यदि गलत तरीके से दूसरी कंपनी के बिल काटे जा रहे हैं तो उनकी जांच की जाएगी और जो भी उचित कार्रवाई होगी वो की जाएगी। वहीं कंपनी द्वारा रास्ता उखाड़ने की बात पर उन्होंने कहा कि वे बीते चार साल से वहां विजिट कर रहे हैं, उन्होंने इस प्रकार का कोई लिंक मार्ग वहां नहीं देखा। सरकार के दिशा निर्देशों के विरुद्ध कंपनी कोई काम नहीं कर सकती।
11 हैक्टेयर की लीज, माइनिंग कर ली 20 हैक्टेयर में!
पिचौपा कलां के ग्रामीण संजीव कुमार ने बताया कि कंपनी के पास 11 हैक्टेयर में माइनिंग करने की लीज है लेकिन 20 हैक्टेयर में माइनिंग की जा रही है जो पूनी तरह से अवैध हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ से प्रतिमाह हजारो टन पत्थर का गलत तरीके से दोहन कर सरकार को प्रतिमाह करीब 15 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। ग्रामीण ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिचौपा कलां में सालाना दोहन करने की कैपेसिटी पूरी कर ली गई है लेकिन अभी भी यहां खनन किया जा रहा है और माईकलां में बंद पड़ी कंपनी के नाम पर बिल काटे जा रहे हैं।