जीरकपुर, 12 जून (हप्र)
बलटाना की सैनी विहार फेज 3 कॉलोनी में पानी की आपूर्ति ठप होने के बाद बुधवार को क्षेत्र की महिलाएं नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी के पास शिकायत करने पहुंच गईं। इंदु, दलजीत कौर, बबीता, अनुराधा, मीन, मनीषा, राजकली आदि ने बताया कि पिछले दो सप्ताह से भीषण गर्मी के कारण स्वच्छ व पर्याप्त पानी न मिलने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि ठेकेदार द्वारा पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की गयी थी, लेकिन सुबह तीन बजे ही पानी आने से परेशानी हो रही है। महिलाओं ने कहा कि गर्मी बढ़ने के साथ ही सैनी विहार फेज 3 कॉलोनी और कई अन्य इलाकों के निवासियों को भारी जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। निवासियों के पास दैनिक उपयोग के लिए टैंकरों के माध्यम से पानी खरीदने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी (ईओ) से शिकायत करने पहुंची महिलाओं के मुताबिक यह पहली बार नहीं है जब उन्हें ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है। जीरकपुर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक पठारिया ने उन्हें आश्वासन दिया कि फिलहाल टैंकरों के माध्यम से और वैकल्पिक ट्यूबवेलों के माध्यम से पानी भेजकर आपूर्ति को सुव्यवस्थित किया जाएगा।
पानी के लो प्रेशर से जूझ रहा औद्योगिक क्षेत्र
मोहाली (हप्र) : मोहाली का औद्योगिक क्षेत्र पानी के लो प्रेशर से जूझ रहा है। लो प्रेशर से पानी आने की वजह से स्थानीय लोगों को पानी के टैंकर मंगवाकर अपना काम चलवाना पड़ रहा है। अब तो हालात यह हैं कि यहां रोजाना पानी के दो टैंकर आते हैं। मोहाली के इंडस्ट्रियल एरिया में गर्मी बढ़ते ही पानी का प्रेशर काफी लो हो चुका है। इंडस्ट्रियल एरिया में काफी इंडस्ट्री हैं। जिसमें कई इंडस्ट्री ट्रैक्टर पार्ट्स की हैं तो कई इंडस्ट्री आटो केयर की हैं। मोहाली के उद्यमियों ने बताया कि पानी के लो प्रेशर की वजह से उनका काम काफी ज्यादा प्रभावित हो रहा है। एक उद्यमी के अनुसार गर्मी के आते ही यह समस्या शुरू हो जाती है। इसकी वजह से इंडस्ट्रियल एरिया में उन लोगों को ज्यादा परेशानी होती है जिनके काम में पानी की उपयोग ज्यादा है। एक आटो केयर सेंटर के मालिक ने बताया कि उनको रोजाना दो से तीन टैंकर मंगवाना पड़ता है। मोहाली इंडस्ट्रियल एरिया में फैक्ट्रियों के बाहर ज्यादातर फुटपाथ पर झोपड़ी वाले चाय, नान, चावल छोले बनाकर बेचते हैं। पानी के तंगी के चलते यह ढाबे वाले सुलभ शौचालयों से पानी भरकर ले जाते हैं। सुलभ शौचालयों में पानी की टैंकियां खाली रहती हैं।