चंडीगढ़, 13 जून (ट्रिन्यू)
राष्ट्रीय स्वचालित फिंगर प्रिंट पहचान प्रणाली (नेफिस) हरियाणा पुलिस के लिए बड़ी मददगार साबित हो रही है। नेफिस की मदद से पुलिस अभी तक विभिन्न अपराधों में शामिल अथवा सजा काट रहे 30 हजार 585 अपराधियों की पहचान कर चुकी है। दरअसल, फिंगर प्रिंट की पहचान से इन अपराधियों को पकड़ा गया है। नेफिस के तहत पुलिस अभी तक 97 हजार 719 लोगों के फिंगर प्रिंट स्लिप को अपलोड कर चुकी है। इस प्रणाली के तहत गिरफ्तार किए गए, सजा काट रहे तथा अज्ञात शवों के फिंगरप्रिंट अपलोड किए हैं। फिंगर प्रिंट की राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरों के विशेषज्ञों द्वारा जांच की गई है। नेफिस में अपलोड की गई 30 हजार 585 फिंगर प्रिंट स्लिप की मदद से पिछली वारदातों में शामिल गिरफ्तार अथवा सजा काट रहे अपराधियों की पहचान की है। नेफिस प्रणाली के माध्यम से आपराधिक गतिविधियों में शामिल 14 अज्ञात शवों की पहचान की है।
इस संदर्भ में डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने बृहस्पतिवार को पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की कपूर ने अधिकारियों को सीन ऑफ क्राइम से फिंगर प्रिंट उठाने के लिए थानों में प्रशिक्षित फिंगर प्रिंट लिफ्टर तैनात करने के भी निर्देश दिए। बैठक में ई-कोर्ट, ई-चालान प्रक्रिया, केस डायरी तैयार करने, साक्ष्य प्रबंधन प्रणाली, ई-हस्ताक्षर, तीन नए कानूनों के अनुरूप तकनीकी बदलाव करने सहित कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा की गई।
डीजीपी ने सीसीटीएनएस तथा आईसीजेएस प्रणाली को लेकर भी अधिकारियों के साथ समीक्षा की। बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कई जिलों के पुलिस अधीक्षकों ने भी भाग लिया। बैठक में सीसीटीएनएस तथा आईसीजेएस परियोजना के तहत तैयार किए गए स्टेट एक्शन प्लान में नेटवर्क सिस्टम को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।
केस डायरी मॉड्यूल पर होगा काम
कपूर ने नए कानूनो के अनुसार सीसीटीएनएस सिस्टम में बदलाव करके केस डायरी माड्यूल पर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीसीटीएनएस प्रणाली में नए कानूनों को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए बदलाव किए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे केस डायरी मॉडयूल में डिजिटल साक्ष्यों – ऑडियो, वीडियो रिकॉर्डिंग अपलोड करना सुनिश्चित करें ताकि वे लंबे समय तक सुरक्षित रहें और अपराधियों को सजा दिलवाने की दर बढ़े। सीसीटीएनएस में किए गए इन बदलावों के बारे में पुलिसकर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा हरियाणा के 800 से ज्यादा पुलिसकर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।