संगरूर, 19 जून (निस)
सिख प्रचारक भगवंत सिंह ने एक युवक की गुमशुदगी के मामले में पुलिस स्टेशन बुलाये जाने के कारण बदनामी के डर से अपने घर की छत से गुजर रही हाई वोल्टेज तारों को पकड़कर आत्महत्या कर ली। गांव चमारहेड़ी निवासी भगवंत सिंह के पिता रामपाल की शिकायत पर पुलिस ने लापता युवक के चाचा दर्शन सिंह व ताया जस्सा सिंह और पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
मिली जानकारी के अनुसार चमारहेड़ी गांव निवासी 37 वर्षीय भगवंत सिंह कीर्तन और सिख धर्म का प्रचार करता था। वह पंजाब के अलावा हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में कीर्तन करने जाता था। 13 जून को उसके गांव का 17 वर्षीय गुरसेवक सिंह लापता हो गया। उसके लापता होने काे लेकर आरोप भगवंत सिंह पर लगाया गया।
16 जून को गुरसेवक के परिवार की ओर से बहादुरगढ़ थाने में दी गई शिकायत पर भगवंत सिंह को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था। पूछताछ के बाद भगवंत सिंह को घर भेज दिया गया, लेकिन इस मामले में बदनामी और अपमान महसूस करते हुए उसने घर की छत से गुजर रहे बिजली के तारों को पकड़कर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने इस मामले में लापता गुरसेवक सिंह की मां पिंकी रानी की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
पिंकी रानी के मुताबिक 11 जून को वह गुरसवेक के साथ हरियाणा के खुरचनपुर गांव गई थी। गुरसेवक 13 जून को यह कहकर वहां से लौट आया कि वह अपने दोस्तों के साथ एक शादी में जा रहा है, लेकिन आज तक वह घर नहीं पहुंचा। न तो उसका फोन मिला और न ही स्कूटर। पुलिस जांच के दौरान सीसीटीवी कैमरे में गुरसेवक बहादुरगढ़ गांव रायपुर मंडलां के पास नजर आया। उसके फोन कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस भगवंत सिंह के घर तक पहुंची। चौकी प्रभारी जयदीप शर्मा ने बताया कि 11 साल पहले गुरसेवक के पिता भी लापता हो गए थे, जिनका आज तक कुछ पता नहीं चला है। गुरसेवक की तलाश की जा रही है।