राजगीर, (बिहार) 19 जून (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यहां नालंदा विश्वविद्यालय के नये परिसर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों से हमेशा जिज्ञासु और साहसी बने रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आधुनिक, अनुसंधान उन्मुख उच्च शिक्षा प्रणाली की दिशा में काम कर रही है, मेरा मिशन है कि भारत दुनिया के लिए शिक्षा और ज्ञान का केंद्र बने।
प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘नालंदा इस सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं, लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं। नालंदा के विध्वंस ने भारत को अंधकार से भर दिया था। अब इसकी पुनर्स्थापना भारत के स्वर्णिम युग की शुरुआत करने जा रही है।’
उन्होंने कहा कि जब शिक्षा का विकास होता है तो अर्थव्यवस्था और संस्कृति की जड़ें भी मजबूत होती हैं। हम विकसित देशों को देखें तो पाएंगे कि वे अर्थ, सांस्कृतिक लीडर तब बने, जब एजुकेशनल लीडर हुए। आज दुनिया भर के छात्र उन देशों में जाकर पढ़ना चाहते हैं। कभी ऐसी स्थिति हमारे यहां नालंदा और विक्रमशिला जैसे संस्थानों में हुआ करती थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह किसी भी राज्य के विकास के लिए बुनियादी ‘रोड मैप’ है, इसलिए 2047 तक विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा भारत, शिक्षा के क्षेत्र का कायाकल्प कर रहा है। मोदी ने कहा कि पिछले दस साल में भारत में औसतन हर सप्ताह एक विश्वविद्यालय और हर दिन एक नयी आईटीआई की स्थापना हुई है। हर तीसरे दिन एक अटल टिंकरिंग लैब खोली गई है। भारत में हर दिन दो नए कॉलेज बने हैं।
समारोह में आये 17 देशों के प्रतिनिधि : कार्यक्रम को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी संबोधित किया। उद्घाटन समारोह में बिहार के राज्यपाल राजेंद्र वी आर्लेकर और 17 देशों के मिशन प्रमुखों सहित कई प्रतिष्ठित अतिथि शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नालंदा केवल भारत के अतीत का ही पुनर्जागरण नहीं है, इसमें एशिया के कितने ही देश की विरासत जुड़ी हुई हैं। एक विश्वविद्यालय के परिसर के उद्घाटन में इतने देश का उपस्थित होना, अपने आप में अभूतपूर्व है।
विशेषज्ञों के अनुसार, 12वीं शताब्दी में आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट किए जाने से पहले नालंदा विश्वविद्यालय 800 वर्षों तक फलता-फूलता रहा। नये विश्वविद्यालय ने 2014 में 14 छात्रों के साथ एक अस्थायी स्थान पर काम करना शुरू किया। विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य 2017 में शुरू हुआ। इस विश्वविद्यालय में भारत के अलावा 17 अन्य देशों की भागीदारी है।
प्राचीन नालंदा के खंडहर भी देखे
प्रधानमंत्री मोदी ने नालंदा के खंडहर भी देखे। मूल नालंदा विश्वविद्यालय को विश्व के प्रथम आवासीय विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है। नालंदा के खंडहरों को 2016 में संयुक्त राष्ट्र विरासत स्थल घोषित किया गया था। प्राचीन नालंदा के खंडहरों में मठ और शिक्षण संस्थान के पुरातात्विक अवशेष शामिल हैं। इसमें स्तूप, मंदिर, विहार (आवासीय और शैक्षणिक भवन), पत्थर और धातु से बनी महत्वपूर्ण कलाकृतियां शामिल हैं।