चंडीगढ़, 19 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने बताया कि केंद्र सरकार ने अटल भूजल योजना (एबीवाई) के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए प्रदेश की सराहना की है। योजना का उद्देश्य प्रदेश के 14 जिलों के 36 खंडों की एक हजार 647 ग्राम पंचायतों में भूजल पुनर्भरण को बढ़ाना, जल उपयोग दक्षता में सुधार करना और सतत जल प्रबंधन प्रथाओं को प्रोत्साहन देना है। बुधवार को चंडीगढ़ में अटल भूजल योजना की राज्य अंतर विभागीय संचालन समिति की बैठक में उन्होंने यह जानकारी दी।
बैठक में 184 करोड़ 24 लाख रुपये की प्रोत्साहन उपयोग योजना को मंजूरी दी गई। मुख्य सचिव ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को आगामी मानसून सीजन के दौरान बारिश के अतिरिक्त पानी का उचित भंडारण और उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ डॉ़ सतबीर सिंह कादियान ने बैठक में बताया कि पिछले मानसून सीजन के दौरान अतिरिक्त वर्षा जल का 50 प्रतिशत उपयोग पानी की कमी वाले क्षेत्रों में किया गया।
बैठक के दौरान बताया गया कि 184.24 करोड़ की प्रोत्साहन उपयोग योजना में से सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को 122.09 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसमें नदी तल पुनर्भरण, तालाब पुनर्भरण और भंडारण टैंकों, जलाशयों, इंजेक्शन वैल, रिचार्ज बोरवेल, डग वैल के निर्माण और चेक डैम के जीर्णोद्धार या कायाकल्प पर केंद्रित 48 परियोजनाओं के लिए 96.30 करोड़ रुपये की राशि शामिल है। जल उपयोग दक्षता और प्रबंधन को बढ़ाने के लिए 4,000 एआई और आईओटी सक्षम पंप कंट्रोलर्स की स्थापना के लिए भी 16.79 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। गुरुग्राम और कुरुक्षेत्र में दो अत्याधुनिक जल गुणवत्ता प्रयोगशालाएं स्थापित की हैं। इससे जल गुणवत्ता जांच और निगरानी की क्षमता बढ़ गई है। बैठक में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग तथा शहरी संपदा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण गुप्ता, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के आयुक्त एवं सचिव पंकज अग्रवाल तथा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, केंद्रीय भूजल बोर्ड, वन एवं वन्यजीव विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।