नयी दिल्ली, 23 जून (एजेंसी)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि बाढ़ से निपटने और कृषि, सिंचाई एवं पर्यटन को विकसित करने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को मोड़ने के लिए पूर्वोत्तर में कम से कम 50 बड़े तालाब बनाए जाने चाहिए। शाह ने मानसून के दौरान बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए बाढ़ और जल प्रबंधन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा उपलब्ध कराए गए उपग्रह चित्रों के अधिकतम इस्तेमाल पर भी जोर दिया।
शाह ने कहा कि बाढ़ के बेहतर प्रबंधन के लिए नदियों के जलस्तर की पूर्वानुमान प्रणाली को उन्नत करने के प्रयास किए जाने चाहिए। गौर हो कि पिछले कुछ वर्षों में हिमनद झील के फटने से आई बाढ़ के कारण सिक्किम और उत्तराखंड में कई लोग मारे गए, सैकड़ों लोग बेघर हो गए और संचार लाइन तथा सड़क नेटवर्क टूटने जैसी घटनाएं हुई हैं। गृह मंत्री ने कहा कि बाढ़ की स्थिति में सड़क निर्माण के डिजाइन में प्राकृतिक जल निकासी प्रणाली को शामिल किया जाना चाहिए, ताकि बाढ़ की स्थिति में जलभराव की स्थिति से निपटा जा सके। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का आपदा प्रबंधन ‘शून्य हताहत दृष्टिकोण’ के साथ आगे बढ़ रहा है। शाह ने विभिन्न विभागों द्वारा विकसित मौसम, वर्षा और बाढ़ चेतावनी संबंधी एप को एकीकृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक के दौरान आईएमडी, सीडब्ल्यूसी, एनडीएमए और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने विस्तृत प्रस्तुतियां दीं।
संबंधित विभागों ने पिछले वर्ष की समीक्षा बैठक के दौरान गृह मंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों पर की गई कार्रवाई की जानकारी भी दी। उन्होंने शाह को मौजूदा मानसून की तैयारियों और भविष्य की कार्ययोजना के बारे में भी जानकारी दी। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और कुछ अन्य राज्यों को भी मानसून के दौरान भूस्खलन और बारिश से जुड़ी अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ा है। पिछले कुछ वर्षों में तमिलनाडु, केरल और जम्मू कश्मीर में भी बाढ़ आई है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, विभिन्न मंत्रालयों और गृह, जल संसाधन, नदी विकास, पृथ्वी विज्ञान, पर्यावरण, सड़क परिवहन विभागों के सचिव, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।
ईटानगर में बादल फटने से बाढ़ जैसे हालात
ईटानगर : अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में रविवार सुबह बादल फटने से कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से भारी बारिश हो रही है। अधिकारियों ने बताया कि रविवार को बारिश का कोई पूर्वानुमान नहीं किया गया था। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 415 के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य की राजधानी के लोगों की जीवनरेखा माने जाने वाले राजमार्ग पर कई वाहन फंस गए।