शिमला, 23 जून (हप्र)
सेब सीजन में आढ़तियाें काे इस बार शिमला के नारकंडा से लेकर ठियोग तक सड़क किनारे अपनी दुकानें नहीं लगानी पड़ेंगी। शिलारू में 13 करोड़ रुपए की लागत से फल मंडी लगभग बनकर तैयार हो गई है।
सेब सीजन शुरू हाेने तक यहां पर आढ़तियाें काे दुकानाें का आबंटन कर दिया जाएगा। इस मंडी में 28 दुकानें बन कर तैयार हैं जिनका एपीएमसी जल्द ऑक्शन करेगा। साथ ही बागवानों काे शिमला के पराला मंडी में इस सेब सीजन में ही सीए स्टाेर की भी सुविधा मिल जाएगी।
विश्व बैंक से सहायजा प्राप्त 5000 मीट्रिक टन क्षमता वाले सीए स्टोर का काम भी फाइनल स्टेज पर है और सेब सीजन शुरू हाेने तक इसे भी पूरा कर दिया जाएगा। ये सभी प्रोजेक्ट 30 जून को समाप्त हो रहे 1134 करोड़ रुपए के विश्व बैंक पोषित बागवानी प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा रहे हैं।
यह सीए स्टाेर शुरू हाेने के बाद बागवानाें काे अपना सेब काेल्ड स्टाेर में रखने का एक नया विकल्प मिल जाएगा। इसके लिए उन्हें अपने क्षेत्र से दूर नहीं जाना पड़ेगा। सेब की कीमतें अच्छी हाेने पर बागवान सीए स्टाेर से माल निकाल कर इसे आसानी से मंडी में बेच सकेंगे।
इस बीच, प्रदेश में इस वर्ष मौसम की मार के कारण सेब की फसल को भारी नुकसान हुआ है। पहले फ्लावरिंग के समय ओलावृष्टि और अब सूखे के कारण ड्रापिंग से सेब की पैदावार कम होगी।
इससे सेब की खरीद करने वाली निजी कंपनियों को नुकसान होने का अंदेशा है। कंपनियों को अंदेशा है कि इस बार हिमाचल में सेब की पैदावार 2.40 करोड़ पेटियों के बीच रहने वाला है। एपीएमसी के प्रबंध निदेशक हेमिस नेगी ने कहा कि सेब सीजन शुरू हाेने से पहले बागवानाें काे पराला मंडी में सीए स्टाेर और शिलारू में फल मंडी की सुविधा प्रदान कर दी जाएगी।
मेहंदली फल मंडी अगले साल तक होगी तैयार
रोहड़ू में बन रही मेहंदली फल मंडी अगले साल सेब सीजन तक बनकर तैयार होगी। इसका निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। दावा किया जा रहा है कि इसका निर्माण कार्य नवंबर में पूरा कर लिया जाएगा। ठेकेदार के काम नहीं करने से यहां का कार्य बंद हो गया था, लेकिन अब ठेकेदार काम को तेजी से करने के लिए तैयार हो गया है। ऐसे में यह मंडी अगले वर्ष सेब सीजन से शुरू हो जाएगी।