सफीदों, 23 जून (निस)
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत अब सफीदों के गांव छापर को विकास एवं सौंदर्यीकरण के लिए अपनाया गया है। जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने निर्देश पर ग्राम सचिव मुकेश कुमार के नेतृत्व में कई कर्मचारियों को इस गांव के सर्वेक्षण पर लगाया गया है। इस सर्वेक्षण में गांव के विभिन्न आयु समूहों की विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है। इसमें प्रमुख रूप से जच्चा-बच्चा, आयुष्मान कार्ड, सेल्फ हेल्प ग्रुप, छात्रवृत्ति, किसान, शिशुओं के स्वास्थ्य एवं मृत्यु दर की जानकारी के साथ सुझाव भी मांगे गए हैं। ऐसे सुझावों के लिए सरपंच की अध्यक्षता में ग्राम स्तरीय समिति का गठन कर दिया गया है।
गांव के सरपंच जसपाल मान ने बताया कि इस गांव में समस्याओं का अंबार है और समाधान के प्रयास नाकाम रहे हैं। गांव के साथ सफीदों नगर व आसपास के इलाकों की गंदगी लेकर आ रही सफ़ीदों ड्रेन की गंदगी को उनके गांव से थोड़ी दूर पश्चिमी यमुना नहर की हांसी शाखा नहर में डाला जा रहा है जिसका पानी जन स्वास्थ्य विभाग की नहर आधारित पेयजल परियोजनाओं के रॉ वॉटर के रूप में प्रयोग होकर लोगों के जिस्म में उतर रहा है और संबंधित अधिकारी पूरी तरह से लापरवाह हैं। प्रदेश में आईएएस अधिकारियों द्वारा गांव गोद लेने की सरकार की योजना के तहत इस गांव को विकास के लिए करनाल के आयुक्त साकेत कुमार ने भी डेढ़ वर्ष पूर्व गोद लिया था लेकिन वह कुछ नहीं कर पाए। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत जिला जींद के पांच ब्लॉकों में एक-एक गांव को विकास के लिए अपनाया गया है। इनमें सफीदों के छापर गांव के अलावा, नरवाना गांव का राजगढ़ ढोबी, नरवाना ब्लॉक का दातासिंहवाला, अलेवा ब्लॉक का बीघाना व जींद ब्लॉक का गोविंदपुरा गांव शामिल हैं।