पंजाब पावर कारपोरेशन की हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने की नयी पहल
चंडीगढ़/संगरूर, 24 जून (हप्र/निस)
पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने आज गांव जलखेड़ी, ज़िला फतेहगढ़ साहिब में 10 मेगावाट के बायोमास पावर प्लांट के फिर से सफलतापूर्वक चालू होने का ऐलान किया। इससे पंजाब के लिए वातावरण और आर्थिक लाभ होंगे। फतेहगढ़ साहिब के गांव जलखेड़ी में 10 मेगावाट क्षमता वाला बायोमास प्लांट मूल रूप में पीएसईबी (अब पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड- पीएसपीसीएल) द्वारा जून 1992 में चालू किया गया था। प्लांट जुलाई 1995 तक चलता रहा। इसके बाद यह जुलाई 2001 में मैसर्ज जलखेड़ी पावर प्लांट लिमिटेड (जेपीपीएल) को लीज़ पर दे दिया गया। प्लांट जुलाई 2002 में फिर चालू हुआ और सितंबर 2007 तक चलता रहा।
2018 में प्लांट को नवीनीकरन, संचालन और ट्रांसफर के आधार पर लीज़ पर देने के लिए फिर टेंडर किया गया। अब नवीनीकृत प्लांट 21 जून, 2024 को फिर चालू किया गया है।
यह उन्नत डेनमार्क प्रौद्योगिकी वाले बायलरों का प्रयोग करता है और 100 प्रतिशत धान की पराली का प्रयोग कर बिजली पैदा करने के लिए तैयार किया गया है। यह अति-आधुनिक बायोमास प्लांट सालाना लगभग 1 लाख टन धान की पराली का उपभोग करेगा।
यह राज्य सरकार को पंजाब में लगभग 40 हज़ार एकड़ क्षेत्र में धान की पराली जलाने की समस्या को रोकने में मदद करेगा। यह पहलकदमी 400-500 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोज़गार प्रदान करेगी, जो क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढावा देगी।
इस प्रोजेक्ट के साथ कई लाभ होंगे जैसे कि खेतों में धान की पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को कम कर वातावरण की सुरक्षा करना, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कमकर टिकाऊ हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना और पंजाब में उपलब्ध भरपूर धान की पराली का प्रभावशाली प्रयोग करना।
इस प्लांट के लिए पावर खरीद समझौते (पीपीए) की अवधि 20 साल है जिसके बाद प्लांट पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
टेंडरिंग प्रक्रिया में सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी द्वारा प्रति किलोवाट घंटा शुरुआती टैरिफ दर 7.25 रुपए थी और रिवर्स नीलामी के बाद अंतिम टैरिफ दर 5.84 रुपए प्रति किलोवाट घंटा थी जो बातचीत के बाद और 0.07 रुपए प्रति किलोवाट घंटा घटाकर 5.77 रुपए प्रति किलोवाट घंटा कर दी गई है। इससे लीज़ अवधि के दौरान 10 करोड़ रुपए की बचत होगी।