पंचकूला में बनने वाले मल्टी फीचर्ड पार्क की ड्राइंग
दिनेश भारद्वाज
चंडीगढ़, 24 जून
एक साथ दर्जनभर से भी अधिक गतिविधियों वाला ट्राईसिटी-चंडीगढ़, पंचकूला व मोहाली का पहला पार्क पंचकूला में बनाया जा रहा है। 18 एकड़ में बनने वाला यह ‘मल्टी फीचर्ड पार्क’ आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। बेशक, पंचकूला में इससे बड़े पार्क भी हैं लेकिन शहर के लोगों खासकर बच्चों के लिए यह किसी पिकनिक स्पॉट से कम नहीं होगा। घग्गर नदी के साथ वाली सड़क के दूसरे ओर बनने वाले इस पार्क पर लगभग 33 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
पार्क का काम तेजी से चल रहा है। 22 करोड़ रुपये की लागत से पार्क में सिविल कार्य होंगे। 8 करोड़ रुपये से अधिक हॉर्टिकल्चर यानी ग्रीनरी पर खर्च होंगे।
वहीं ढाई करोड़ रुपये से अधिक की लागत इलेक्ट्रिक कार्यों पर आएगी। पार्क का काम शुरू करने से पहले ट्राईसिटी के अलावा दूसरे राज्यों के भी कई पार्कों का दौरा किया गया। इसके बाद इसकी ड्राइंग तैयार की गई। इस पार्क की चौड़ाई भले ही कम है लेकिन इसका लम्बा होने की वजह से इसका वॉकिंग ट्रैक भी खूबसूरत होगा।
भूल भुलैया होगी आकर्षण का केंद्र
इस पार्क का सबसे अधिक फायदा सेक्टर-21 के अलावा घग्गर पार के सेक्टरों – 23, 24, 25, 26, 27, 28 सहित अन्य कई सेक्टरों को होगा। पंचकूला शहर के अलावा चंडीगढ़ व मोहाली के अलावा दूसरे राज्यों से ट्राईसिटी घूमने आने वाले पर्यटकों को भी यह पार्क अपनी ओर आकर्षित करेगा। पार्क में अपनी तरह की खास पेरेंटल टॉवर वाली भूल-भुलैया बनायी जा रही है। इतना ही नहीं, जापान की कला पर आधारित मेडिटेशन गार्डन इसमें बनेगा। चंडीगढ़ के सेक्टर-35 की तर्ज पर यहां आधुनिक टोपियरी पार्क विकसित होगा।
इस तकनीक में विभिन्न जानकारों की कलाकृतियां बनाई जाती हैं। लोहे की तारों से बनाई जाने वाली इन कलाकृतियों पर एक विशेष किस्म के पौधे लगते हैं। ये पौधे कुछ समय बाद इस कलाकृति को पूरी तरह से हरा-भरा बना देते हैं।
बच्चों के लिए इस तरह के पार्क काफी आकर्षण का केंद्र रहते हैं। पार्क में सस्पेंस गार्डन भी बनेगा।
यही नहीं, बच्चों के लिए मॉडर्न स्केटिंग रिंक भी इसमें बनाया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय मानकों वाला साइकिल ट्रैक अपने आप में पार्क को चार चांद लगाने का काम करेगा। रोचक पहलू यह है कि यह साइकिल ट्रैक कहीं जमीन के नीचे तो कहीं ऊपर चलेगा। यहां बनाए जा रहे सस्पेंस फाउंटेन के लिए भी पंचकूला नगर निगम के अधिकारियों द्वारा कई जगहों का सर्वे किया गया।
मोबाइल लोगों की लाइफ का अहम पार्ट बन चुका है। इसे समझते हुए पार्क में विशेष तरह का सोलर-ट्री आधारित चार्जिंग स्टेशन बनाया जाएगा। इसमें मोबाइल व लेपटॉप आदि चार्ज करने की सुविधा होगी।
इसी तरह से हटनुमा वर्टिकल गार्डन, गार्डन ऑफ 5 सेंसेस, चाइम बेल ट्री, सेंस ऑफ साउंड पर आधारित पार्क विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे। इस प्रोजेक्ट के तहत ओपन थियेटर जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
मल्टी फीचर्ड पार्क अपने आप में एक पिकनिक स्पॉट से कम नहीं होगा। हमारी कोशिश इस पार्क को सबसे खुबसूरत बनाने की है। 18 एकड़ के इस पार्क में एक साथ दर्जनभर से अधिक सुविधाएं मिलेंगी। यहां आने वाले लोगों विशेषकर बच्चों के लिए यह जगह किसी इंटरटेनमेंट से कम नहीं होगी। पार्क का कार्य तेजी से चल रहा है। जल्द ही इसे लोगों को समर्पित किया जाएगा।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।