जीत सिंह सैनी/निस
गुहला चीका, 24 जून
घग्गर नदी पर बने हांसी-बुटाना नहर के साइफन से निकाली जा रही मिट्टी को खुले में बेचने पर किसानों में सरकार व प्रशासन के प्रति भारी रोष है। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने मंगलवार तक मिट्टी घोटाले के आरोप में ठेकेदार व संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो बुधवार से वे एसडीएम कार्यालय के समक्ष धरना शुरू कर देंगे। मामले की जांच के लिए सोमवार को नहरी विभाग के एक्सईएन व दूसरे अधिकारियों को साइफन पर आना था लेकिन दो घंटे इंतजार करने के बाद सिर्फ एसडीओ अजमेर सिंंह ही मौके पर पहुंचे। जिससे किसानों में रोष था।
किसानों ने बताया कि बरसात कि दिनों में घग्गर नदी में भारी मात्रा में रेत व मिट्टी पानी के साथ बहकर आती है। गांव सरोला के पास बने हांसी साइफन में बड़ी मात्रा में यह मिट्टी जमा हो जाती है जिसे हर साल निकालना पड़ता है। पिछले वर्ष आई बाढ़ के दौरान जब रिंग बांध टूट गए थे तो प्रशासन को मिट्टी दूर दराज के क्षेत्र से मंगवानी पड़ी थी जिसके चलते रिंग बांध में आए कटाव को समय पर बंद नहीं किया जा सका और क्षेत्र में जान माल की भारी हानि हुई थी। किसानों ने बताया कि पिछले साल के अनुभवों को देखते हुए सरकार ने इस बार साइफन से निकलने वाली मिट्टी को जमा करने का फैसला किया है ताकि बाढ़ जैसी स्थिति में इस मिट्टी को कटाव रोकने के काम लाया जा सके। किसान नेता जरनैल सिंह जैली, लखविंद्र सिंह किंद्र, केवल सदरेहड़ी के आरोप है कि ठेकेदार स्थानीय अधिकारियों के साथ मिली भगत कर मिट्टी घोटाले को अंजाम दे रहा है।
इस अवसर पर किसानों ने कहा कि ठेकेदार द्वारा बेची गई मिट्टी गांव टटियाना के खेतों, चीका व खरौदी में डाली गई है, अधिकारी इसकी जांच करवा सकते हैं।
उन्होंने एसडीएम गुहला को पूरे मामले से अगवत करवाया था जिसके बाद एसडीएम ने स्वयं साइफन का दौरा किया था। किसानों का कहना है सब कुछ जानते हुए भी एसडीएम ने ठेकेदार व अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
किसानों द्वारा जहां भी मिट्टी डाली जाने की बात कहीं जा रही है उस मिट्टी के सैंपल लिए जा रहे हैं। जिन लोगों को मिट्टी बेचे जाने के आरोप है उन्हें भी ट्रेस किया जाएगा। यदि सैंपल मैच करते हैं तो ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-अजमेर सिंह, एसडीओ नहरी विभाग