चंडीगढ़, 25 जून (ट्रिन्यू)
पंजाब विश्वविद्यालय के सीनेटर व पूर्व सिंडिक हरप्रीत दुआ ने कुलपति प्रो. रेणु विग को लिखे एक पत्र में सीनेट के चुनाव में हो रही देरी को लेकर चिंता जतायी है और सीनेट के चुनाव जल्द से जल्द कराये जाने की मांग की है।
उन्होंने लिखा है कि पंजाब विश्वविद्यालय अधिनियम, 1947 की धारा 11 के अनुसार सीनेट को विश्वविद्यालय के मामलों, चिंताओं और संपत्ति पर संपूर्ण प्रबंधन, देखरेख का अधिकार है। अधिनियम की धारा 12 पदेन फेलो के लिए प्रदान करती है और धारा 13 आर्डीनरी फेलो के लिए प्रदान करती है। धारा 13 (3) के अनुसार साधारण फेलो चार साल की अवधि के लिए चुना जाता है और अन्य फेलो के चुनाव होते हैं। रजिस्ट्रार ही चुनाव की तारीखें सूचित करता है। उन्होंने कहा है कि चुनाव प्रक्रिया विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा अपने स्तर पर शुरू की जानी है। चुनाव की तारीख बताने वाला नोटिस चुनाव के लिए तय तिथि से 240 दिन पहले जारी किया जाता है जिसमें एक महीने की देरी हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब विश्वविद्यालय की वर्तमान सीनेट का कार्यकाल एक नवंबर 2020 से 31 अक्तूबर 2024 तक है। लेकिन अब तक चुनाव की कोई तारीख घोषित नहीं की गयी है जो इसी साल मार्च में घोषित हो जानी चाहिए थी। अभी तक, पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा सीनेट के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कोई आदेश या नोटिस जारी नहीं किया गया है। चुनाव कराने के लिए बजट आवंटन पहले ही हो चुका है और सीनेट और सिंडिकेट द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है, तो इसमें देरी करने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा है कि पूछताछ करने पर उन्हें बताया गया कि चुनाव प्रक्रिया/अनुसूची को चांसलर द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है, हालांकि पंजाब विश्वविद्यालय अधिनियम में इसका कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है। इसलिये और देरी किये बिना चुनाव की तारीखें जल्द घोषित की जायें।