चंडीगढ़, 16 दिसंबर (ट्रिन्यू)
झारखंड के पछवाड़ा में करीब सात साल से बंद पड़ी पंजाब की कोयला खदान फिर से चालू हो गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पछवाड़ा खदान से कोयला लेकर पहुंची पहली ट्रेन का स्वागत किया। मान ने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब पंजाब देश का अतिरिक्त बिजली वाला राज्य बनेगा। उन्होंने कहा कि धान के पिछले सीजन के दौरान पंजाब ने पिछले साल के मुकाबले 83 प्रतिशत अधिक बिजली का उत्पादन किया। भगवंत मान ने उम्मीद जताई कि पछवाड़ा खदानों से कोयले की सप्लाई शुरू होने से बिजली का उत्पादन कई गुना बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पछवाड़ा कोयला खदाने राज्य को आवंटित हुई थीं, परन्तु 2015 से यह खदानें बंद पड़ी थीं। उन्होंने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लम्बित था लेकिन पिछली सरकारों ने कोयला सप्लाई बहाल करने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता संभालते ही मार्च में यह मामला उठाया और सही तरीके से मामले की पैरवी करने से कोयले की सप्लाई बहाल हो गई। भगवंत मान ने कहा कि इस खदानों की कुल क्षमता 70 लाख टन सालाना है। उन्होंने कहा कि पंजाब के ताप बिजली घरों के लिए भविष्य में विदेशों से कोयला मंगवाने की कोई ज़रूरत नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पिछली सरकारों के दौरान किये गए सभी बिजली खऱीद समझौतों (पीपीए) की समीक्षा की जायेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब और पंजाबियों के साथ दगा करने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जायेगा। मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि कोयले की सप्लाई फिर शुरू होने से पीएसपीसीएल को 600 करोड़ रुपए सालाना की सीधी बचत होगी, जबकि घरेलू कोयले पर पूरी तरह निर्भरता के साथ और 520 करोड़ रुपए की बचत होगी।