जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 1 जुलाई
जींद के वीटा मिल्क प्लांट को फुली ऑटोमेटिक बनाने का काम आईडीएमसी गुजरात करेगी। इस बड़ी परियोजना पर लगभग 9.30 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। परियोजना का सिविल वर्क शुरू हो चुका है। जल्द इसमें मशीनरी पहुंचनी शुरू हो जाएगी। वीटा मिल्क प्लांट के फुली ऑटोमेटिक हो जाने के बाद इसके उत्पादों की क्वालिटी हाइजीन के मामले में इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की हो जाएगी।
सहकारी क्षेत्र का बहुत बड़ा वीटा मिल्क प्लांट जींद में है। इस मिल्क प्लांट को जींद, हिसार और फतेहाबाद जिले के दूध उत्पादक किसान दूध की सप्लाई करते हैं। प्लांट में दूध से वीटा देसी घी, दही, लस्सी, पनीर का उत्पादन होता है। वीटा प्लांट अपने पाश्चराइज्ड दूध की सप्लाई भी जींद समेत प्रदेश के कई जिलों में करता है। सर्दी में जींद के वीटा मिल्क प्लांट को हर रोज लगभग 80000 लीटर और गर्मी में लगभग 50000 लीटर दूध की सप्लाई होती है।
प्लांट के ऑटोमेशन का सिविल वर्क शुरू : सीईओ
वीटा मिल्क प्लांट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेंद्र धानिया के अनुसार प्लांट के फुली ऑटोमेशन का सिविल वर्क शुरू हो गया है। जींद के वीटा मिल्क प्लांट को अब फुली ऑटोमेटिक बनाने का काम आईडीएमसी गुजरात करेगी। परियोजना पर लगभग 9.30 करोड़ की राशि खर्च होगी। इस परियोजना में सबसे पहले सिविल वर्क शुरू किया गया है। इसके तहत मिल्क प्लांट में इनक्यूबेशन ब्लास्ट रूम, सीआईपी आदि का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।
सिविल वर्क पूरा होने के बाद प्लांट में ऑटोमेटिक मशीनें पहुंचनी शुरू होंगी, जिनसे प्लांट में देसी घी और दूसरे उत्पाद बनेंगे। जींद के वीटा मिल्क प्लांट के चेयरमैन और डीसी मोहम्मद इमरान रजा का कहना है कि सहकारी क्षेत्र का वीटा मिल्क प्लांट जींद ही नहीं, बल्कि हिसार और फतेहाबाद जिलों के दूध उत्पादक किसानों का बहुत बड़ा सहारा है। मिल्क प्लांट द्वारा दूध उत्पादक किसानों के परिवारों की मदद के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।