समराला, 1 जुलाई (निस)
भारतीय किसान यूनियन (लक्खोवाल) के संरक्षक अवतार सिंह मेहलों और जिला अध्यक्ष मनजीत सिंह ढींडसा ने आज यहां एक संयुक्त बयान में कहा है कि राज्यों के मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री केंद्र सरकार के साथ बैठक करने से पूर्व संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं से बैठक करें और उनसे किसानों की कठिनाइयों और उनकी मांगों के बारे में पूरी जानकारी लें। उन्होंने कहा कि केंद्र के सामने राज्यों का पक्ष रखने से पहले कृषि मंत्रियों को इस बात की पूरी जानकारी होनी चाहिए कि देश के किसान क्या चाहते हैं। उन्होंने कहा कि देश के किसान हमेशा ही केंद्र के खिलाफ लामबंद रहे हैं, लेकिन समय की सत्ताधारी पार्टी ने हमेशा किसानों को निराश किया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल चुनाव से पहले वोट के लिए किसानों का इस्तेमाल करते हैं और सत्ता हासिल करने के बाद किसानों और उनकी उपज का शोषण शुरू कर देते हैं। देश के किसी भी राज्य में आज तक किसान को उसकी उपज का सही दाम नहीं मिल पाया है, बल्कि अकसर किसानों की उपज सड़कों पर डालनी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि बेशक केंद्र की भाजपा सरकार अब किसानों की भलाई का ड्रामा कर रही है, लेकिन बड़े उद्योगपतियों की सरकार किसान हितैषी होगी, इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कृषि मंत्रियों के माध्यम से बात कर किसानों के मुद्दों का समाधान निकालता है तो स्वागत है, अन्यथा मांगें पूरी होने तक किसानों का संघर्ष जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि किसानों की मुख्य मांग फसलों के समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण की माफी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण देश की कृषि में गिरावट आ रही है।