नयी दिल्ली, 2 जुलाई (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि देश में ‘बालक बुद्धि’ का विलाप जारी है, लेकिन इसे कतई नजर अंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि मंशा खतरनाक है। प्रधानमंत्री मोदी सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। इसके बाद धन्यवाद प्रस्ताव पास होने पर लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गयी।
लगभग सवा दो घंटे के जवाब में मोदी ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर प्रत्यक्ष और परोक्ष दोनों प्रकार से हमले किये। उन्होंने कहा कि सहानुभूति हासिल करने का नया नाटक करने वाले यह सच्चाई जानते हैं कि वह हजारों करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में जमानत पर बाहर हैं। उन्होंने यह भी कहा, ‘वह (राहुल) ओबीसी वर्ग के लोगों को चोर बताने के मामले में दो साल की सजा पा चुके हैं। इन पर वीर सावरकर को अपमानित करने का मुकदमा भी चल रहा है।’ प्रधानमंत्री ने कहा बालक बुद्धि सिर पर सवार हो जाती है तो वह सदन में किसी के भी गले पड़ जाते हैं और आंखें भी मारते हैं। पेपर लीक मसले पर मोदी ने कहा, ‘नीट के मामले में लगातार गिरफ्तारियां की गई हैं। केंद्र सरकार पहले ही एक कड़ा कानून बना चुकी है। परीक्षा कराने वाली पूरी प्रणाली को पुख्ता करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।’ मोदी ने कांग्रेस पर सेना में भर्ती को लेकर सरासर झूठ फैलाने का आरोप लगाया।
मेरे भाषण के हटाए गए अंश रिकॉर्ड में शामिल करें : राहुल
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने भाषण के कुछ हिस्सों को कार्यवाही से निकाले जाने परअध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर कहा कि यह कार्रवाई तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने आग्रह किया कि हटाए गए अंश को फिर से कार्यवाही के रिकॉर्ड में शामिल किया जाए। इससे पहले कांग्रेस नेता ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘मोदी जी की दुनिया में सच्चाई एक्सपंज हो सकती है, लेकिन वास्तविकता में सच्चाई एक्सपंज नहीं हो सकती।’
विपक्ष के आचरण पर निंदा प्रस्ताव पारित रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के दौरान विपक्षी सदस्यों द्वारा ‘संसदीय मर्यादाओं को तार-तार करने’ की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव सदन में रखा जिसे ध्वनिमत से मंजूरी दी गई। गृह मंत्री अमित शाह ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया। विपक्ष ने प्रस्ताव का विरोध किया।
” मैंने सबको पूरा मौका दिया… नेता प्रतिपक्ष को 90 मिनट बोलने का मौका दिया… लेकिन उनका व्यवहार न तो संसदीय आचरण के अनुकूल है, न ही देश के लोकतंत्र के लिए उचित है। …देश देख रहा है कि जब प्रधानमंत्री बोल रहे थे तो प्रतिपक्ष के नेता सदस्यों को आसन के निकट जाने के लिए कह रहे थे। ”
– ओम बिरला, लोकसभा अध्यक्ष