पिंजौर, 3 जुलाई (निस)
पिंजौर के प्रसिद्ध मुगलकालीन यादवेन्द्र गार्डन में पर्यटन विभाग की ओर से 31वां मैंगो मेला 5 से 7 जुलाई तक लगेगा जिसमें देशभर से आम उत्पादक किसान सैकड़ों किस्म के आम लेकर आएंगे और उनकी प्रदर्शनी भी लागाएंगे। गार्डन में आम मेला सन 1992 से शुरू हुआ था। पर्यटन और बागवानी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस वार्षिक कार्यक्रम की शुरूआत देशभर में उगाए जाने वाले आमों की विविधतापूर्ण और समृद्ध किस्मों का जश्न मनाने और किसानों को अपनी उपज दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए की गई थी।
गत कुछ वर्षों में आम मेला एक क्षेत्रीय उत्सव से बढ़कर अंतरराष्ट्रीय ख्याति के आयोजन में बदल चुका है। मेला न केवल आम की पारंपरिक किस्मों पर प्रकाश डालता है बल्कि लोगों को नई प्रजातियों से भी परिचित कराता है। आम मेला सिर्फ़ आमों का उत्सव नहीं है बल्कि यह सभी के लिए गतिविधियों और आकर्षणों से भरा उत्सव है । यहां पर किसानों की आम प्रतियोगिताएं होती हैं जिसमें देशभर से किसान अपनी बेहतर किस्मों के आमों को प्रदर्शित करते हैं । साथ ही आम से बने अचार, चटनी, जैम, स्क्वैश जैसी विभिन्न किस्मों और उत्पादों को शामिल करने वाली श्रेणियों के साथ यह फलों के राजा का एक प्रतिस्पर्धी और रंगीन प्रदर्शन है। स्कूली छात्रों के लिए रंगोली, फेस पेंटिंग, चित्रकला, मैंगो इटिंग जैसी मजेदार प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैैं। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं जिनमें पारंपरिक संगीत, नृत्य, कला रूपों को प्रदर्शित करते हैं जो हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक ताने-बाने की झलक प्रदान करते हैं। शिल्प बाज़ार में आसपास के कारीगर और शिल्पकार स्टॉल लगाते हैं जहां वे आभूषणों से लेकर मिट्टी के बर्तनों तक कई तरह के हस्तनिर्मित सामान बेचते हैं। जैसे-जैसे दिन ढलता है मेला शाम के विशेष सांस्कृतिक प्रदर्शनों के साथ जीवंत हो उठता है जिसमें प्रसिद्ध लोक और बॉलीवुड कलाकार शामिल होते हैं।