एक बार भगत सिंह ने हाजरा रोड मेस में बम बनाना सीखने के लिए रातभर श्रम किया था। भोर में भगत सिंह ने खिड़की से देखा कि सड़क के पार एक आदमी भैंस दुह रहा है। यह देखकर भगत सिंह का मन मचला। उनको दूध पीना पसंद था, खासकर भैंस का दूध, यह गाय के दूध की तुलना में भारी और पौष्टिक होता है और इसमें मलाई की मात्रा खूब होती है। वह अपने बिस्तर से उठे और वहां जाकर उन्होंने दूधवाले से पूरी बाल्टी ले ली और सारा कच्चा दूध पी गए। उसकी कीमत एक रुपये उन्होंने अदा कर दी। दूधवाले को दाम चुका कर भगत सिंह ने सोचा होगा बात खत्म हो गई। मगर दूधवाले के लिए बात खत्म नहीं हुई। लेजिस्लेटिव असेंबली में बम विस्फोट की खबर अगली सुबह अखबारों के जरिए सब ओर फैल गई। खबर पढ़कर उस दूधवाले ने हाजरा रोड मैस में जतिन दास को खोजा और रुपये वापस लेने के लिए उन पर दबाव डाला ताकि वह इसे भगत सिंह को लौटा सकें, क्योंकि वह ऐसे महान देशभक्त के काम आकर खुद को गौरवान्वित और सम्मानित महसूस कर रहा था।
प्रस्तुति : मुग्धा पांडे