शिमला, 8 जुलाई (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बार काैंसिल ऑफ हिमाचल प्रदेश के उस निर्णय को सही ठहराया है जिसके तहत बार काैंसिल ने एलएलबी डिग्रीधारक याचिकाकर्ता को वकील के रूप में नामांकित करने से इनकार कर दिया था। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने प्रार्थी इंदरपाल सिंह की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि बार काैंसिल का निर्णय कानून के अनुसार सही है। प्रार्थी ने जून 2014 में माता बाला सुंदरी कॉलेज ऑफ लीगल स्टडीज नाहन में तीन साल के एलएलबी डिग्री कोर्स के लिए प्रवेश लिया था। उसने नवंबर 2014 में प्रथम सेमेस्टर की नियमित परीक्षा दी जिसका परिणाम 9 अप्रैल 2015 को घोषित किया गया। एलएलबी कोर्स के लिए दाखिला लेते समय प्रार्थी के पास स्नातक की डिग्री नहीं थी। उसने बीए तृतीय वर्ष की परीक्षा मार्च 2015 में दी। उसे परीक्षा परिणाम पत्र 27 जुलाई, 2015 को जारी किया गया। प्रार्थी ने अपने एलएलबी कोर्स की पढ़ाई जारी रखी और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा 16 नवंबर 2017 को एलएलबी कोर्स पास करने पर प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी किया। इस सर्टिफिकेट को आधार बनाते हुए प्रार्थी ने बार कौंसिल ऑफ हिमाचल प्रदेश के समक्ष उसे वकील के तौर पर नामांकित करने के लिए आवेदन किया।