पानीपत, 8 जुलाई (हप्र)
पहाडों पर बारिश होने से हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में एक दिन पहले छोड़ा गया 39 और 18 हजार क्यूसेक पानी सोमवार दोपहर बाद जिले की सीमा में प्रवेश कर चुका है। यमुना के पानी के प्रवेश करते ही जिले का पहला गांव राणा माजरा पडता है और मानसून के सीजन के यमुना के पानी ने पहले ही दिन सोमवार को गांव राणा माजरा के खेतों में कटाव करना शुरू कर दिया गया है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार यमुना नदी में सोमवार शाम को पानीपत में यमुना पुल के पास 50-55 हजार क्यूसेक पानी चल रहा है। यमुना के पहले ही दिन पानी के खेतों में किये जा रहे कटाव से गांव राणा माजरा के ग्रामीण चिंतित है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने भी यमुना में पानी आने पर मजदूरों के साथ यमुना पर डेरा डाल दिया है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गांव राणा माजरा में 2.50 करोड की लागत से यमुना तटबंध पर पत्थरों की चार नई ठोकरें लगनी थी। ठेकेदार ने पत्थरों के 6 डंपर मंगवा कर डाल भी दिये थे लेकिन उसके बाद जहां दादरी से पत्थर आता है, वहां पर पत्थरों की डिमांड के चलते कमी हो गई। जिसके चलते ठेकेदार को और ज्यादा पत्थर नहीं मिल पाया लेकिन सिंचाई विभाग द्वारा अब बाढ बचाओ प्रबंधन के तहत गांव राणा माजरा में 11 स्थानों पर मिट्टी के कट्टों के स्टड लगाये जा रहे है ताकि यमुना का पानी कटाव करते हुए तटबंध की तरफ ना आ सके। सिंचाई विभाग के एक्सईएन सुरेश सैनी, एसडीओ सर्वजीत व जेई मोहित ने बताया कि गांव राणा माजरा में सैकडों मजदूर मिट्टी के कट्टों के स्टड लगाने को लेकर लगे हुए है। राणा माजरा में अब 11 स्थानों पर मिट्टी के कट्टों के स्टड लगाये जा रहे है और इसको लेकर युद्ध स्तर पर काम जारी है। इसके लिये जेसीबी व पोकलेन मशीनें लगाई गई है और बल्लियां आदि लाने के लिये ट्रैक्टर ट्राली भी लगाये गये है। अधिकारियों का दावा है कि पानीपत में बाढ बचाओ प्रबंधन के तहत सभी इंतजाम किये गये है और पत्थरों की कमी के चलते अब मिट्टी के कट्टों के स्टड लगाये जा रहे है।