बरसात के मौसम में सुरक्षित कार ड्राइविंग के लिए कुछ अतिरिक्त सावधानियां जरूरी हैं। खासकर बारिश में रात को ड्राइविंग करते समय स्पीड पर नियंत्रण। वहीं सड़क पर पानी जमा हो तो जोखिम का अंदाजा लगाने के बाद ही उसमें प्रवेश करें। ब्रेक, लाइट्स की मेंटेंनेंस भी सही रखेंें।
मधु सिंह
लगभग पूरे देश में मानसून सक्रिय हो चुका है। अगले डेढ़-दो महीने तक हमारी रोजमर्रा की गतिविधियों में बारिश एक महत्वपूर्ण फैक्टर रहेगी। कई लोग तो हर रोज सुबह 40-50 किलोमीटर कार चलाकर कार्यस्थल या दफ्तर जाते हैं। ऐसे मौसम में ड्राइविंग करते हुए अतिरिक्त सावधान रहने की जरूरत होती है। तभी हर रोज सफल और सुरक्षित कार ड्राइविंग संभव है। जब अचानक से झमाझम बारिश बरसने लगे तो जानिये ड्राइविंग करते समय क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए :
स्पीड पर नियंत्रण व ग्रिप
वैसे तो यह किसी भी मौसम के लिए सबसे जरूरी सीख है, लेकिन खास तौरपर मानसून के दिनों में इस बात की गांठ ही बांध लेनी चाहिए कि सड़क पर आप अपनी कार को चलाएंगे, तेज स्पीड में उड़ाएंगे नहीं। विशेषकर जब दफ्तर से देर रात निकलें और रिमझिम शुरू हुई बारिश अचानक तूफानी हो चली हो। ऐसे में संभव हो तो कुछ देर के लिए कहीं रुक लें। अगर इंतजार करना संभव न हो तो कार को धीरे-धीरे चलाएं, क्योंकि इस मौसम में कार के स्लिप होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। अगर नियमित रूप से कार चलाते हों तो मानसून के आने के पहले ही टायरों का ग्रिप जरूर चेक करवा लें। अगर लगे कि ग्रिप घिस गया है तो बिना टालमटोल किए इसे तुरंत बदलवा लें। क्योंकि कई-कई दिनों तक लगातार बरसात होती रहती है, जिससे सड़कें गीली और रपटीली हो जाती हैं, इस कारण इनमें पहियों के फिसलने का खतरा बढ़ जाता है। अगर पहिये का ग्रिप सही नहीं है तो कीचड़ और गड्ढे में धंस जाने पर बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है।
सुरक्षित दूरी बनाकर चलें
बारिश के मौसम में सड़क में हमेशा आगे वाली कार से सुरक्षित दूरी बनाकर ड्राइव करना चाहिए। क्योंकि अगर आपके आगे चल रही कार अचानक ब्रेक लगाती है और आप उससे बिल्कुल सटकर चल रहे होंगे तो आप उससे टकरा सकते हैं। अगर सुरक्षित दूरी रहेगी तो इस स्थिति से बचे रहेंगे। सिर्फ अपने आगे ही नहीं, पीछे चल रही गाड़ी से भी सचेत रहने की कोशिश करनी चाहिए और अचानक अनावश्यक ब्रेक नहीं लगाना चाहिए वर्ना आपके पीछे चल रही कार आपसे टकरा सकती है।
जमा पानी का रखें ध्यान
मानसून में कार चलाते हुए हमेशा आगे जमा पानी पर भी नजर रखने की जरूरत होती है। कई बार तेज बारिश से कहीं पानी जमा हो जाता है और हमें सही सही अंदाजा नहीं होता कि पानी कितना है। अगर ऐसी बात है तो पानी में घुसने के पहले कोशिश करें कि इसकी सही अंदाजा लगा लें। अगर बारिश के दिनों में अचानक आपकी चलती हुई कार पानी पर फिसलने लगे तो एकाएक ब्रेक न लगाएं बल्कि स्टेयरिंग व्हील पर स्थिर हाथ रखते हुए धीरे-धीरे ब्रेक लगाएं।
वाइपर और लाइट्स
बारिश के दौरान कार चलाते हुए लगातार नजरें धुंधली हो सकती हैं, अगर वाइपर सही से काम न करें। इसलिए सुबह घर से निकलने के पहले चेक कर लें कि वाइपर काम कर रहा है या नहीं। अगर इसके ब्लेड घिस गये हैं तो तुरंत बदलवा लें। वैसे भी माना जाता है कि विंड स्क्रीन वाइपर को 6 से 12 महीने में बदलवा लेना चाहिए। इस दौरान लाइट्स को लेकर भी बहुत सजग रहने की जरूरत है। लाइट्स का मतलब सिर्फ यह नहीं कि आप दूसरी कारों को देख सकें, दूसरी कार वाले आपको भी देख सकें, इसकी भी फिक्र आपको करनी है। इसलिए हर रोज घर से निकलने के पहले अपनी कार के हेड लाइट्स, टेल लाइट्स और टर्न सिग्नल की जांच करनी चाहिए।
ब्रेक्स का सही रखरखाव
गीली सड़कें हमेशा रुकने की दूरी बढ़ा देती हैं। मतलब ये है कि अगर आपको उम्मीद है कि ब्रेक लगाने के बाद आधा मीटर में गाड़ी रुक जायेगी, तो इस दौरान एक मीटर मानकर चलें। जब सड़कें फिसलनभरी होती हैं तो कार के पहिये कुछ दूर ज्यादा चलकर रुकते हैं, इसलिए इस मौसम में ब्रेकिंग सिस्टम बिल्कुल सही होने चाहिए। उनमें पर्याप्त फ्लूयूड हो और जांच भी नियमित की जाए। हां, एक और बात का ध्यान रखना जरूरी है कि आपकी कार के भीतर बिल्कुल सूखा और मॉयश्चर रहित वातावरण हो। इससे कार चलाते समय सुकून का अहसास होता है। इसलिए कभी भी कार में बिल्कुल भीगकर न घुसें वरना सीटें गीली होंगी और कार चलाते समय सुकून नहीं रहेगा।
-इ.रि.सें.