चंडीगढ़, 9 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में स्टिल्ट प्लस चार मंजिल (एस+4) निर्माण को अनुमति दिए जाने का विरोध शुरू हो गया है। सरकार के फैसले के बाद चौथी मंजिल का निर्माण तो शुरू नहीं हुआ है। लेकिन तीसरी मंजिल तक मकान बना चुके लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है। पंचकूला के कई संगठनों ने इसका विरोध करते हुए विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता से मुलाकात की। गुप्ता ने सरकार के फैसले का विरोध करने वाले लोगों का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर यह फैसला वापस लेने की मांग की है।
स्पीकर के इस पत्र के बाद सरकार पर दबाव बढ़ गया है। स्टिल्ट प्लस चार मंजिल निर्माण को लेकर पिछले कई वर्षों से विवाद चल रहा है। विवाद का पटाक्षेप करते हुए सरकार ने 2 जुलाई को सेवानिवृत्त आईएएस पी़ राघवेंद्र राव कमेटी की सिफारिशों के आधार पर शर्तों के साथ स्टिल्ट प्लस 4 मंजिल निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी। सरकार का यह फैसला अभी सही तरीके से धरातल पर लागू भी नहीं हुआ था कि इसका विरोध शुरू हो गया है।
लोगों का कहना है कि यह फैसला पूरी तरह से बिल्डर लॉबी को ध्यान में रखकर किया गया है। इससे आम जनता को भारी नुकसान होगा। सेवानिवृत्त जनरल वीपी मलिक की अध्यक्षता वाली आरडब्ल्यूए संघर्ष समिति का हवाला देकर मुख्यमंत्री को लिए पत्र में स्पीकर ने कहा कि विभिन्न संगठनों के करीब पांच हजार लोगों ने हस्ताक्षर करके उन्हें पत्र सौंपा है। इसमें कहा है कि सरकार का फैसला लागू होने के बाद पंचकूला का मास्टर प्लान पूरी तरह से बिगड़ जाएगा। यहां अधिकतर मकान तीन मंजिला हैं और पड़ोस में चौथी मंजिल बनने से लोगों की सुरक्षा और निजता में हस्तक्षेप बढ़ेगा।
चौथी मंजिल के निर्माण से वाटर सप्लाई, सीवरेज व्यवस्था प्रभावित होगी। साथ ही, सड़क व्यवस्था तथा बिजली आपूर्ति भी प्रभावित होगी।
तीन मंजिला घरों में रहने वाले लोगों का आरोप है कि इस फैसले से उनके घरों में रोशनी रूक जाएगी तथा वह खुली हवा के लिए तरसेंगे। जनरल मलिक के हवाले से विधानसभा स्पीकर ने कहा कि सरकार ने नए नियमों में पड़ोसी से मंजूरी लेने की शर्त लगाई है। इस शर्त से पड़ोसियों के बीच विवाद पैदा होने लगे हैं। स्पीकर के अनुसार स्टिल्ट प्लस 4 के निर्माण के बाद पार्किंग स्पेस का कमर्शियल इस्तेमाल होगा, जिसे कोई नहीं रोक सकता।