इकबाल सिंह शांत/निस
डबवाली (लंबी), 9 जुलाई
केंद्र सरकार युद्ध स्तर पर आधुनिक सड़कों की विकास की गाथा लिखने की ओर अग्रसर है जबकि जमीन स्तर पर राजमार्गों के निर्माण कार्यों में खामियां सरकारी कोशिशों को ग्रहण लगा रही हैं। ऐसे हालातों का शिकार डबवाली-मलोट (एनएच-9) का निर्माणाधीन डबवाली-सिरसा रोड बाईपास बन गया है। मॉनसून की पहली बरसात ने बाईपास के रेतीली मिट्टी वाले निर्माण कार्य की परतें खोल दी हैं। निर्माण कार्य में उच्च-स्तरीय जांच के लिए एक शिकायत सड़क ट्रांसपोर्ट व राजमार्ग मामलों के केंद्रीय मंत्री को शिकायत भेजी गयी है। पता चला है कि एनएचएआई तंत्र की निर्माण साईट पर आमद कभी–कभार होती है, जिससे यह हालत पैदा हुए हैं।
बरसात से खुलासा हुआ कि फ्लाईओवरों की भराई में बेहतरीन मिट्टी की जगह रेतीली मिट्टी भर दी गई। यह रेतीली मिट्टी बरसात के पानी के साथ फ्लाईओवर की दीवारों से बाहर निकल रही है। कई जगह दीवारें बाहर को झुक रही हैं। वहीं, आरोप है कि निर्माण में खामियों को छुपाने के लिए फ्लाईओवर की दीवारों से निकली ज्यादातर रेतीली मिट्टी को तुरंत उठवा दिया गया। भारी-भरकम वज़नी वाहनों की आवाजाही के लिए बनाये फ्लाईओवर के चालू होने से पूर्व ही इनका कमज़ोर सामर्थ्य झलकने लगा है। हैरानीजनक है कि करीब 100 वर्ष की योजना से बनाए सर्विस रोड के दोनों तरफ़ 95 प्रतिशत हिस्से में ड्रेन नहीं बनाई गई। बरसात के पानी से मिट्टी खिसक कर खेतों में चली गयी है। सर्विस रोड पर जगह-जगह से तहस-नहस हो गयी है।
ड्रेन, सिंचाई पानी बाक्स डिज़ाइन में नहीं
एनएचएआई द्वारा बाईपास कार्य के कंसलटेंसी टीम लीडर प्राण चौधरी का कहना था कि ड्रेन व सिंचाई पानी के लिए बॉक्स डिज़ाइन में नहीं हैं। जांच करवा कर कमियों को ठीक करवाएंगे।