प्रदीप साहू/हप्र
चरखी दादरी, 9 जुलाई
दादरी को जिला को बने भले सात साल से ज्यादा हो चुके हों, बावजूद इसके आधुनिक सिविल अस्पताल में सुविधाओं से लेकर विशेषज्ञों तक की कमी दूर नहीं हो पाई है। इसका सीधे तौर पर असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है। आधुनिक सिविल अस्पताल के हालात ऐसे हैं कि उपमंडल अस्पताल की तर्ज पर चल रहा है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन से लेकर जनप्रतिनिधियों ने सरकार के साथ-साथ उच्चाधिकारियों को लगातार अवगत करवाया लेकिन रिजल्ट ढाक के तीन पात ही निकला। मजबूरी में अब मरीजों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है।
जब इस संवाददाता ने जिले के एकमात्र आधुनिक सिविल अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाओं की नब्ज टटोली तो सामने आया कि चरखी दादरी जब उपमंडल था तो यहां अल्ट्रासाउंड की सुविधा थी, लेकिन जिला बनने के कुछ समय बाद ही यह सेवा बंद हो गई। आलम यह है कि यह सुविधा पिछले करीब 7 सालों से बंद पड़ी है। गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड के लिए स्वास्थ्य विभाग निजी केंद्रों पर निर्भर है, जबकि पुरुष मरीजों को भिवानी या रोहतक पीजीआई रेफर किया जा रहा है। इस समय सिविल अस्पताल को अल्ट्रासोनोलॉजिस्ट तो मिल चुका है बावजूद इसके नई अल्ट्रासाउंड मशीन की भी दरकार है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दादरी जिला में विशेषज्ञों की भारी कमी बनी है। सिविल अस्पताल में एमआरआई और सीटी स्कैन की सुविधा शुरू नहीं हो पाई है। हर माह करीब 200 मरीजों को भिवानी सिविल अस्पताल रेफर किया जा रहा है। सविल अस्पताल पर जिले की साढ़े 5 लाख की आबादी निर्भर है। मजबूरीवश मरीज दूसरे जिलों के सरकारी या निजी अस्पतालों की खाक छानने को विवश हैं।
सिविल अस्पताल में इस समय फिजिशियन, बाल रोग विशेषज्ञ, मनोरोग विशेषज्ञ, जनरल सर्जन, एमडी मेडिसिन नहीं हैं। इसके अलावा यहां रेडियोलॉजिस्ट, गाइनी आदि की कमी भी है।
सीएम को लिखा पत्र, आला अधिकारियों को करवाया अवगत : सांगवान
पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने बताया कि मंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान 100 बेड का आधुनिक अस्पताल बनवाया गया था। इस समय सिविल अस्पताल के हालातों को देखते हुए रोना आता है। सुविधाओं की कमी व चिकित्सकों की कमी को पूरा करवाने के लिए अनेक बार उच्चाधिकारियों को फोन पर अवगत करवाया गया, सीएम को भी पत्र लिख चुका हूं। सांगवान ने सरकार से अस्पताल के हालातों में सुधार के साथ-साथ सुविधाओं को पूरा करवाने की मांग की है।
‘उच्चाधिकारियों को लिखे पत्र, अल्ट्रासाउंड मशीन मिलने की उम्मीद’
कार्यवाहक सिविल सर्जन डा. नरेश कुमार ने बताया कि सिविल अस्पताल में सुविधाओं के अलावा विशेषज्ञों को नियुक्त करने बारे उच्चाधिकारियों को कई बार पत्र लिखे गए हैं। आशा है चिकित्सकों की कमी जल्द दूर हो जाएगी। वहीं उपायुक्त मनदीप कौर से आश्वासन मिला है कि जल्द ही आधुनिक अल्ट्रासाउंड मशीन मिल जाएगी। रिक्त चिकित्सकों के पदों पर तैनाती होते ही मरीजों के लिए सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी।