नितिन जैन/ट्रिन्यू
लुधियाना, 11 जुलाई
किसानों के लगातार विरोध प्रदर्शन की वजह से पंजाब को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। यह इस बात से स्पष्ट है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने पहले ही 3,303 करोड़ रुपये की लागत वाली 3 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को समाप्त कर दिया है, जबकि राज्य में 4,942 करोड़ रुपये की लागत वाली 4 अन्य ऐसी योजनाओं को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पंजाब में, एनएचएआई 52,000 करोड़ रुपये की लागत से 1,500 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास कर रहा था।
एनएचएआई ने 2022 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का भी रुख किया था, जिसके बाद अक्तूबर 2023 में एक आदेश पारित किया गया था, जिसमें राज्य सरकार को एनएचएआई को अधिग्रहित भूमि पर कब्जा लेने में सहायता करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन इन सबके बावजूद, जमीन पर ज्यादा कुछ नहीं हुआ और भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसानों के विरोध के कारण कृषि प्रधान राज्य में प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को वापस लेना पड़ रहा है।
एनएचएआई के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने लंबित राजमार्ग परियोजनाओं को बिना किसी और देरी के पूरा करने के लिए केंद्रीय एजेंसी को अधिग्रहित भूमि पर कब्जा लेने में सुविधा प्रदान करने के लिए पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा से हस्तक्षेप करने की मांग की है। मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में सभी उपायुक्तों, एनएचएआई परियोजना निदेशकों और पंजाब पुलिस के एडीजीपी के साथ मैराथन
बैठक की।