पंचकूला, 11 जुलाई (हप्र)
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला पंचकूला इकाई ने बृहस्पतिवार को जिला प्रधान जयपाल दहिया की अध्यक्षता में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर रोष प्रदर्शन करते हुए मांग की कि जिन अध्यापकों काे तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है, उनका वेतन एक सप्ताह के भीतर जारी किया जाए। अन्यथा राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ इसके विरोध में सड़कों पर उतरने को मजबूर होगा । संगठन के पदाधिकारियों ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से बाहर होने के कारण वरिष्ठ अधीक्षक जगबीर सिंह को ज्ञापन सौंपा। इसी दौरान शिक्षकों की समस्याओं को लेकर भी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया व शिक्षकों की मांगों के समाधान की मांग की ।
प्रदर्शन में राज्य उपप्रधान गोपीचंद, पूर्व राज्य महासचिव सुरेश लितानी, पूर्व राज्य कोषाध्यक्ष जितेंद्र कुंडू, पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा के राज्य प्रधान विजेंद्र धारीवाल, हरियाणा प्राथमिक शिक्षक एसोसिएशन के जिला पंचकूला प्रधान कैलाश चंद व महासचिव विकास यादव, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला महासचिव राजेश भंवरा, जिला कोषाध्यक्ष बाबूराम, पिंजौर खंड प्रधान राजेश रोहिल्ला, खंड रायपुररानी प्रधान मोहन शर्मा, खंड बरवाला प्रधान जगपाल, मोरनी प्रधान संजीव भंवरा, जिला सहसचिव बलदेव मांधना, जसमेर राणा, सुजीत यादव, सुखवीर चौहान, राजेश आदिवाल, संजीव धीमान, निर्मल मांधना, कुलदीप भुक्कल, शीशपाल, अमरनाथ शर्मा, धर्मपाल, प्रीति कौशिक, मीरा, प्रियंका मिन्हास, सुमेर चंद, शीशराम सहित सैकड़ों शिक्षकों ने भाग लिया।
प्रदर्शनकारियों ने सौंपा ज्ञापन
अम्बाला शहर (हप्र) : सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) के आह्वान पर आज आशा वर्कर्स यूनियन, मिड मील कर्कर्स यूनियन व ग्रामीण सफई कर्मचारियों ने उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री तथा पंचायत मंत्री के नाम ज्ञापन उपायुक्त डॉ. शालीन को सौंपा। तीनों संगठनों के प्रधान कविता, ललिता व निर्मल सिंह के नेतृत्व में परियोजना वर्कर्स व सफाई कर्मियों ने सरकार की वायदाखिलाफी व मांगों की अनदेखी के विरोध में शिक्षा सदन से मार्च शुरू किया। नारे लगाते हुए वे सरकार को सचेत कर रही थीं कि समय रहते उनकी मांगों को पूरा किया जाए। महिलाएं चिलचिलाती धूप में ही सडक़ पर बैठकर प्रदर्शन करती रहीं। बाद में उपायुक्त प्रदर्शनकारियों के बीच खुद आए और ज्ञापन लिये।