भिवानी, 11 जुलाई (हप्र)
प्रदेश के विभिन्न संगठनों, संस्थाओं द्वारा लंबे समय से हरियाणवी बोली को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने की मांग को उचित ठहराते हुए अब हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी पंचकूला ने भी गंभीरता दिखाई है।
शनिवार 13 जुलाई को पंचकूला में साहित्य अकादमी के हिन्दी हरियाणवी प्रकोष्ठ द्वारा हरियाणवी भाषा के विकास में संभावनाएं विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की जा रही है।
इस अवसर पर प्रदेश के हरियाणवी चिंतकों द्वारा व्याख्यान दिया जाएगा, जिसमें भिवानी से हरियाणवी भाषा विकास मंच के अध्यक्ष व पंडित लख्मीचंद सम्मान से विभूषित हरियाणवी कवि एवं चिंतक डॉ. वीएम बेचैन को विषय प्रमुख के रूप में आमंत्रित किया गया है।
डॉ. बेचैन ने बताया कि अकादमी के हिन्दी हरियाणवी प्रकोष्ठ के निदेशक डॉ. धर्मदेव विधार्थी हरियाणवी भाषा में विकास की संभावनाएं तलाशने के लिए अकादमी भवन में 13 जुलाई शनिवार को एक कार्यशाला का आयोजन कर रहे हैं। इसम कार्यक्रम में आजीवन साहित्य साधना महाकवि सूरदास सम्मान से विभूषित वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. पूरनचंद शर्मा को मुख्य वक्ता के रूप में बुलाया गया है। वहीं डॉ. संतराम देशवाल, डॉ. रामफल चहल, डॉ. जयभगवान शर्मा, डॉ. सत्यवीर नाहड़िया, डॉ. मन्जू रेड्डू एवं डॉ. वीएम बेचैन को विभिन्न हरियाणवी विषयों के प्रमुख के रूप में आमंत्रित किया है।