काठमांडू, 12 जुलाई (एजेंसी)
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ शुक्रवार को संसद में विश्वासमत हासिल नहीं कर पाए। पिछले सप्ताह उनकी सरकार से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) ने अपना समर्थन वापस ले लिया था। इस घटनाक्रम के बाद पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व में नयी सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया है। देश की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 69 वर्षीय प्रचंड को 63 वोट मिले, जबकि विश्वासमत प्रस्ताव के विरोध में 194 वोट पड़े। विश्वासमत हासिल करने के लिए कम से कम 138 वोट की जरूरत थी। प्रतिनिधि सभा के 258 सदस्यों ने मतदान में भाग लिया, जबकि एक सदस्य अनुपस्थित रहा। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-माओइस्ट सेंटर (सीपीएन-एमसी) के अध्यक्ष प्रचंड 25 दिसंबर, 2022 को पद संभालने के बाद चार बार विश्वासमत हासिल करने में सफल रहे, लेकिन इस बार उन्हें असफलता मिली। प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष देव राज घिमिरे ने प्रचंड के विश्वासमत प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद 100 खंड 2 के अनुसार मतदान के लिए रखा।