फरीदाबाद, 12 जुलाई (हप्र)
केंद्र सरकार द्वारा अरावली को बचाने के लिए एक बहुत बड़ा कदम उठाया गया है। पर्यावरणविद् चेतन अग्रवाल व पूर्व सैनिक सतिंदर दुग्गल ने बताया कि 2005 में नेशनल कन्वज़र्वेशन जोन 2021 के रीजनल प्लान को प्रधानमंत्री कार्यालय में गृह मंत्री की अध्यक्षता में गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने अरावली के बचाव के लिए 2041 के रीजनल प्लान में बरकरार रखने व उसनें किसी भी तरह की छेड़छाड़ करने से मना कर दिया है।
उन्होंने कहा कि आसान शब्दों में यह कहा जा सकता है कि 2041 के लिए बनाये रीजनल प्लान में एक तरह से पूरे अरावली को ही समाप्त कर उसमे सीएलयू (लैंड यूज़ कन्वर्शन) लाइसेंस व कंस्ट्रक्शन का रास्ता खोल दिया था, यानी 2041 तक अरावली का अस्तित्व समाप्त करने का प्रपोजल पास हो गया था जिसमें गुरुग्राम व फरीदाबाद में सबसे ज़्यादा नुकसान होता।
उन्होंने कहा कि फरीदाबाद में यह नुकसान बड़खल से सूरजकुंड तक की अरावली रेंज को होता, लेकिन अब प्रधानमंत्री कार्यालय में गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने उस प्रपोजल को सिरे से खारिज कर दिया है।
उन्होंने कहा कि फरीदाबाद में आम लोगों ने 50 से 52 डिग्री तक की गर्मी को सहन किया व कोरोना काल में कई मौतें देखी। केन्द्र सरकार की पहल को देखते हुए फरीदाबाद सहित एनसीआर के लोगों ने राहत की सांस ली है।