वर्तमान भौतिकवादी युग में मनुष्य सांसारिक गतिविधियों में इस कदर लिप्त हो गया है कि अध्यात्म पथ के महत्व व सार्थकता से अनभिज्ञ होने की स्थिति में जाता नजर आ रहा है। सही मायनों में हमारे सर्वांगीण विकास के लिये अध्यात्म अनिवार्य शर्त है। जिसका गुरुत्तर दायित्व गुरमत ज्ञान जैसी पत्रिकाएं निभा रही हैं। समीक्ष्य अंक में गुरुओं की वाणी, उनके प्रेरक जीवन, भक्त कबीर की विचारधारा, सिख धर्म के गुरुओं की प्रेरणा, तीर्थस्थलों के महत्व को बताया गया है। अ.नै.
पत्रिका : गुरमत ज्ञान संपादक : सतविंदर सिंघ प्रकाशक : एस.जी.पी.सी, आफिस, श्री अमृतसर साहिब पृष्ठ : 50 मूल्य : रु. 3.