साहित्य सृजन की चलती फिरती संस्था डॉ. महाराज कृष्ण जैन किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। सृजन की विभिन्न विधाओं में उनके रोपे पौधे आज वट वृक्ष बने हैं। जिसमें शुभ तारिका मिशन में ऋषिकर्म जैसी भूमिका निभाने वाली उर्मि कृष्ण जी का अथक योगदान शामिल है। महाराज कृष्ण जी की स्मृति में निकाले गये शुभतारिका के कृष्णांक-23 में उनके रचनाकर्म, उनकी प्रेरणा और विरासत का भावपूर्ण स्मरण है। उनकी जीवन पर केंद्रित रचनाएं भी शामिल हैं।
पत्रिका : शुभतारिका कृष्णांक-23 संपादक : उर्मि कृष्ण प्रकाशक : कृष्णदीप, ए-47, शास्त्री, कालोनी पृष्ठ : 70 मूल्य : रु. 15.