दलेर सिंह/हप्र
जींद (जुलाना), 14 जुलाई
वर्षा ऋतु शुरू हो गई है। क्षेत्रभर में अभी तक केवल दो बार ही बारिश हुई है। किसानों ने खेतों में धान व अन्य फसलों की बुआई तो कर दी लेकिन अब बारिश न होने के कारण फसलें सूख रही हैं। किसानों को महंगा डीजल फूंककर अपनी फसलों की सिंचाई करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। दूसरी तरफ गर्मी से बेहाल लोग पसीने से तर-ब-तर हो रहे हैं। मौसम में लगातार उमस बनी हुई है। रविवार को अधिकतम तापमान 36 डिग्री तो न्यूनतम तापमान 29 डिग्री रहा। हवा की गति 6 किलोमीटर प्रति घंटा रही, जबकि मौसम में आर्द्रता 54 प्रतिशत रही। मौसम विभाग के अनुसार आगामी चार दिनों तक मौसम परिवर्तनशील है लेकिन किसानों को इस समय अपनी फसलों के लिए सबसे बड़ी जरूरत बारिश की है।
पिंडारा गांव में रविवार को ट्यूबवैल से अपने खेत में हरे चारे की फसल को पानी दे रहे युवा किसान साहिल ने बताया कि बारिश न होने के कारण हरे चारे की दिक्कत पैदा हो रही है। हरे चारे की कमी के चलते दुधारू पशु कम दूध देना शुरू कर देते हैं,जबकि इन दिनों दूध की बहुत बड़ी मांग है।
किसान महेंद्र, साहिल, सुजान आदि ने कहा कि उन्होंने खेत में धान लगा दी है। उम्मीद थी कि बारिश होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मौसम विभाग द्वारा ओरेंज अलर्ट तक जारी किया गया है, लेकिन उम्मीद के अनुसार बादल नहीं बरस रहे। ऐसे में उन्हें टयूबवैलों के माध्यम से धान की फसल के लिए पानी की पूर्ति पूरी करनी पड़ रही है।
मौसम विशेषज्ञ डा. राजेश के अनुसार 18 जुलाई तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहेगा। किसानों को चाहिए कि वो दिन के समय फसलों में पानी बिल्कुल न दें। धान की फसल में नियमित सिंचाई करते रहें।
गर्मी के चलते बच्चे, बुजुर्ग होने लगे बीमार
गर्मी के चलते एक बार फिर से छोटे बच्चे तथा वृद्धजन बीमार होने हैं। जिससे अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जींद नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि गर्मी का अधिकतर वृद्ध तथा छोटे बच्चे ही बीमार होते हैं। इसलिए परिजनों को इनका विशेष ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने लोगों को सुझाव देते हुए कहा कि गर्मी से बचने के लिए लोगों को भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए। छोटे बच्चों को उल्टी या दस्त लगने पर तुंरत चिकित्सक को दिखाएं।