कुमार मुकेश/हप्र
हिसार, 14 जुलाई
हिसार विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. कमल गुप्ता मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री है, लेकिन हिसार के स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि यहां दीये तले अंधेरा है। हालात यह है कि करीब 60 साल पुराना जिला टीबी अस्पताल कंडम घोषित हो चुका है। इस कंडम अस्पताल में टीबी मरीजों का उपचार हो रहा है। यह स्थिति तब है, जब भाजपा नीत केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य तय किया हुआ है। करीब 60 साल पहले हिसार में 75 बिस्तरों के टीबी अस्पताल का निर्माण किया गया था। इसे करीब पांच साल पहले कंडम घोषित किया जा चुका है। आज हालात यह है कि 75 बिस्तरों वाले इस अस्पताल के बिस्तरों की क्षमता अब 25 बिस्तर की हो गई है। पिछले पांच साल में न तो अस्पताल शिफ्ट हुआ और न ही नया अस्पताल बनाने का प्रस्ताव सिरे चढ़ा है। अब कंडम भवन की छत के नीचे डॉक्टर व स्टाफ जान जोखिम में डालकर मरीजों का उपचार करने पर मजबूर हैं। हालांकि, नया अस्पताल बनाने की फाइल अब दुबारा शुरू की गई है। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि टीबी अस्पताल को स्थानांतरित करने के लिए कोई भवन किराए पर देने के लिए तैयार नहीं है।
बारिश में हालात बदतर
जिला टीबी अस्पताल सिरसा रोड से करीब पांच से सात फुट नीचे हैं। गड्ढे में होने के कारण यहां सीवरेज ठप है और सीवरेज का गंदा पानी बैक मारकर परिसर में भर जाता है। बारिश में यह तालाब बन जाता है। अस्पताल में स्टाफ के क्वार्टर भी कंडम घोषित हो चुके हैं, जिसके कारण उनके गिरने का खतरा है।
मामला पीडब्ल्यूडी के पास : एमएस
टीबी अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. जितेंद्र शर्मा ने बताया कि अस्पताल को दोबारा से बनाने के लिए पत्रचार जारी है। मामला पीडब्ल्यूडी और बीएंडआर के अधिकारियों के पास है। वे एस्टीमेट बनाकर देंगे, तब स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बजट पास करवाकर इसका दोबारा निर्माण करवाया जाएगा। फिलहाल अस्थाई व्यवस्था के लिए भी भवन देखा जा रहा है।
टीबी के मरीजों के आंकड़े
एक्टिव टीबी रोगी 6900
एमडीआर टीबी रोगी 78
प्रतिदिन ओपीडी 40
प्रतिदिन आईपीडी 20
बीसीजी वैक्सीन लक्ष्य 4.23 लाख
बीसीजी टीके लगे 51500