दलेर सिंह/हप्र
जींद(जुलाना), 15 जुलाई
मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के तहत प्रदेश सरकार ने बीपीएल पात्रों को एक लाख रुपये में तीस-तीस वर्ग गज के प्लॉट आवंटित कर खूब वाहवाही लूटने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री ने योजना के पात्र लोगों को प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में प्लॉटों के आवंटन पत्र बांटे लेकिन आवंटन पत्र मिलने के साथ ही इस योजना की शर्तें भी बदल गईं, जिन्हें पूरा करने में पात्र बीपीएल परिवारों ने असमर्थता जाहिर की है।
योजना के तहत जुलाना नगर पालिका इलाके में सरकार द्वारा जिस जगह प्लॉट आंबटित किये गये हैं, वह जगह फिलहाल खेतों की है और वहां से अन्य आवासीय बस्तियां काफी दूर हैं। आवंटित जगह पर गली, सीवरेज, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का नामों निशान नहीं है। प्लॉट धारकों की समस्या अब और बढ़ गई है क्योंकि सरकार की ओर से प्लाॅट की पूरी राशि सात माह में जमा करने की शर्त रखी गई है, जो गरीब परिवारों के सामर्थ्य से बाहर है। इसे लेकर सोमवार को प्लॉट धारकों ने जुलाना में एसडीएम कार्यालय की मार्फत ज्ञापन सौंपकर सरकार से मांग की है कि योजना घोषित करने के समय जो शर्तें दर्शाई गई थीं, उनके अनुसार 1000 से 1500 रुपये मासिक किस्तों के हिसाब से प्लॉट की राशि ली जाए।
एसडीएम कार्यालय पहुंचे प्लॉट धारक पवन महेंदिया, बिजेंद्र कुमार इत्यादि ने बताया कि बीपीएल परिवारों ने मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के तहत 30 गज के प्लाट के लिए ऑनलाइन आवेदन किए गए थे। इनकी बुकिंग राशि 10 हजार रूपए जमा करवाई गई थी। 90 हजार रुपए की बकाया राशि प्लॉट आवंटन के बाद एक हजार या 1500 रुपए हर माह किस्त के रूप में जमा करवाने की बात कही गई थी। लेकिन अब जब से उन्हें आवंटन पत्र प्राप्त हुए हैं, उसमें एक माह के अंदर 10 हजार रुपए जमा करवाने और छह माह में बकाया 80 हजार रुपए जमा करवाने की शर्त रखी गई है।