कैथल, 15 जुलाई (हप्र)
केन्द्र सरकार द्वारा पुराने तीन कानूनों में बदलाव करके नये कानून लाने के विरोध में कैथल के वकीलों ने नये कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।
प्रदर्शन का नेतृत्व जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान पीएल भारद्वाज ने किया। इससे पूर्व वकील चैंबर परिसर में एकत्र हुए और वहां से नारे लगाते हुए लघु सचिवालय पहुंचे। यहां वकीलों को संबोधित करते हुए पीएल भारद्वाज ने कहा कि केन्द्र की मौजूदा सरकार ने वादा किया था कि फौजदारी कानूनों को संसद के पटल पर नहीं रखेगी, लेकिन किसानों के खिलाफ आये तीनों काले कानूनों की तरह ही विपक्ष के 146 सांसदों को निलंबित करके तीनों फौजदारी कानूनों को बिना बहस पास करवा लिया। पुराने कानून में पुलिस हिरासत में ज्यादा से ज्यादा 15 दिन तक ही रख सकते थे, उसके बाद आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाता रहा है। नये कानून में पुलिस हिरासत 60 या 90 कर दी गई है। पुराने कानूनों के अनुसार संज्ञेय अपराध घटित होने पर एफआईआर तुरन्त प्रभाव से दर्ज होगी लेकिन नये कानून के अनुसार पहले प्राथमिकी जांच होगी फिर मुकदमा दर्ज होगा। आईपीसी की धाराएं घटा दी गई जबकि सीआरपीसी में धाराएं बढ़ा दी गई हैं। वकीलों को नये कानून व धाराएं फिर से याद करनी पड़ेंगी। उन्होंने कहा कि नये कानून किसी भी तरह से जनहित में नहीं हैं। इनसे पुलिसिया राज बढ़ेगा और भ्रष्चार को बढ़ावा मिलेगा।