ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 16 जुलाई
Shambhu Border: प्रदेश की नायब सरकार हरियाणा-पंजाब सीमा पर शंभू बार्डर को खोलने के पक्ष में नहीं है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा शंभू बार्डर को खोलने के आदेश दिए जा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है। इसके बाद भी राज्य सरकार की ओर से हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर 22 जुलाई को सुनवाई होगी।
किसान अपनी मांगों को लेकर लम्बे समय से आंदोलनरत हैं। किसान संगठनों का शंभू बार्डर पर धरना लगातार जारी है। हरियाणा सरकार की दलील है कि हाईकोर्ट ने ग्राउंड रियल्टी जाने बिना ही फैसला सुनाया है। साथ ही, यह दलील दी है कि हाई कोर्ट को शंभू बार्डर खोलने की बजाय किसान संगठनों को अपना धरना हटाने के निर्देश देने चाहिए थे। केंद्र सरकार तीन कृषि कानूनों को तो वापस ले चुकी है लेकिन इसके विरोध में हुए आंदोलन को खत्म करवाने के लिए किए गए वादों को अभी पूरा नहीं किया है।
किसानों की सबसे बड़ी मांग फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून बनाने की है। किसान आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमों को रद्द करने के अलावा आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को आर्थिक मदद देने की मांग भी किसान संगठन उठा रहे हैं। दिल्ली बार्डर पर किसानों के आंदोलन के दौरान 700 से अधिक किसानों की जान गई थी। इसी साल फरवरी में पंजाब के किसान संगठनों ने फिर से दिल्ली कूच करने की कोशिश की थी।
हरियाणा सरकार ने पंजाब से हरियाणा आने वाले अधिकांश रास्तों को बंद कर दिया था। शंभू बार्डर अभी तक भी बंद है। इतना ही नहीं, शंभू बार्डर पर अभी भी आठ लेयर की सुरक्षा व्यवस्था की गई है। वहीं दूसरी ओर, पंजाब के किसान संगठनों की ओर से दिल्ली जाने का ऐलान किया हुआ है। किसान केंद्र सरकार से अपनी मांगों को लेकर बात करना चाहते हैं। हालांकि फरवरी के आंदोलन के दौरान केंद्रीय मंत्रियों ने कई दौरे की बैठकें भी की, लेकिन किसानों की मांगों पर सहमति नहीं बन पाई।
बता दें, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 10 जुलाई को हरियाणा सरकार को एक सप्ताह के भीतर शंभू बार्डर खोलने को कहा था। 18 जुलाई को हाई कोर्ट के आदेश को एक सप्ताह पूरा होगा, लेकिन हरियाणा सरकार शंभू बार्डर खोलने के पक्ष में नहीं है। इसीलिए सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है। हाई कोर्ट के बार्डर खोलने के आदेश के बाद पंजाब के किसान संगठन फिर से शंभू बार्डर पर जुटने शुरू हो गए हैं। किसानों की तैयारी दिल्ली कूच की है, ताकि अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा सके।
कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका
सुप्रीम कोर्ट पहुंची हरियाणा सरकार को किसानों के दिल्ली जाने पर कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है। सरकार की यह भी दलील है – अगर शंभू बार्डर खोलने के बाद किसान दिल्ली का रुख करेंगे तो फिर से बार्डर बंद करना पड़ सकता है। इस सूरत में शंभू बार्डर को खोलने का कोई औचित्य नहीं है। हालांकि सरकार अपनी मंशा में कामयबा होती है या नहीं, इसका फैसला 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर निर्भर करेगा।