सुभाष पौलस्त्य/निस
पिहोवा, 16 जुलाई
बैंक शब्द आते ही धन की याद आ जाती है क्योंकि बैंको में धन का ही आदान-प्रदान होता है। परन्तु पिहोवा में एक ऐसा बैंक भी है, जहां से धन के बजाय स्कूली विद्यार्थियों को नि:शुल्क किताबें मिलती हैं। इस बैंक के मुख्य प्रबंधक अर्थात संस्थापक व संचालक सचिन मित्तल से जब इस बारे बात की तो उन्होने बताया कि उनेक गरीब परिवारों के बच्चे पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं। उसने नजदीक से इनका दु:ख-दर्द समझा। वर्ष 2019 में उन्होने एक किताब बैंक की स्थापना की तथा घर-घर जाकर लोगों को प्रेरित किया कि वह अपने बच्चों की पुरानी किताबें इस बैंक में देकर जाएं। जहां से अन्य बच्चे इन किताबों से पढ़ाई कर सकें।
इसका नतीजा बहुत अच्छा रहा। बच्चे भी आकर अपनी पुरानी किताबें बैंक को देने लगे तथा दूसरे बच्चे इन किताबों को लेकर अपनी पढ़ाई करने लगे। धीरे-धीरे यह बैंक पूरे पिहोवा में मशहूर हो गया। देखते-देखते यह बैंक हजारों बच्चों का सहारा बन गया। लोगों ने भी भरपूर सहयोग दिया। अब यह किताब वाला बैंक सेवा संस्थान बन गया। शिक्षा के क्षेत्र में किताब वाला बैंक ने एक नयी पहचान स्थापित की है। लोगों ने भी किताबें व कापियां बैंक को देनी शुरू कर दीं, जिन्हे नि:शुल्क ही बांटा जा रहा है।
गांव में लाईब्रेरी बनाना, बच्चों के लिए परामर्श कैंप लगाना, नि:शुल्क पाठ्य सामग्री मुहैया कराना, नि:शुल्क इंग्लिश स्पीकिंग कराना, पर्सनेलिटी डेवलपमैंट कोर्स, कंम्प्यूटर कोर्स करवाना भी उनका उद्देश्य है।
सचिन मित्तल ने बताया कि अब पांच वर्ष होने पर अनाज मंडी पिहोवा में 21 जुलाई को गौरव सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें पिहोवा विधानसभा के मेधावी छात्र छात्राओं, अभिभावकों, शिक्षकों, मातृशक्ति को सम्मानित किया जाएगा। उभरते खिलाड़ी जिन्होंने जिला, राज्य व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना हुनर दिखाया, उनका हौसला बढ़ाने के लिए सम्मानित किया जाएगा। उन बच्चों को, जो परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते किताबों के अभाव में होनहार होने के बावजूद शिक्षा से वंचित रह जाते थे, उन्हें किताब वाला बैंक नि:शुल्क किताबें मुहैया करवा रहा है ताकि बच्चों को अच्छी व बेहतर शिक्षा मिल सके ताकि ये जीवन में कामयाबी हासिल कर सकें।