जीरकपुर, 16 जुलाई (हप्र)
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जीरकपुर नगर परिषद के अध्यक्ष उदयवीर ढिल्लों के मामले की सुनवाई 22 जुलाई तक स्थगित कर दी है। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि 5 और 15 जुलाई की बैठकों के सीसीटीवी फुटेज और वीडियोग्राफी को सुरक्षित रखा जाए। इसके अलावा नगर परिषद में की गई बैठकों और कार्यवाही का रिकॉर्ड सील करके उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (न्यायिक) के कार्यालय में जमा करने को भी कहा गया। हाईकोर्ट ने परिषद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के बाद मोहाली के उपायुक्त को जीरकपुर नगर परिषद में रोजाना हो रहे कार्यों की निगरनी के लिए प्रशासक के रूप में कार्य करने को कहा है।
दूसरी ओर परिषद वकील ने अदालत को बताया कि पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने के लिए समय की कमी के कारण 5 जुलाई की कार्यवाही स्थगित कर दी गई और 15 जुलाई को बैठक आयोजित करके नप अध्यक्ष उदयवीर ढिल्लों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया। परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक पथरिया ने बताया कि अदालत ने सबूतों को संरक्षित करने का आदेश दिया है, जिसके बाद बैठकों के रिकॉर्ड को सील कर रजिस्ट्रार (न्यायिक) के कार्यालय में जमा कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के जीरकपुर नगर परिषद अध्यक्ष उदयवीर सिंह ढिल्लों सोमवार को कुल 31 में से 21 पार्षदों की ओर से उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के कुछ घंटो बाद ही हाईकोर्ट चले गए थे। इस याचिका पर जस्टिस दीपक सिब्बल की बेंच ने तुरंत सुनवाई की।
2022 में कांग्रेस के 13 पार्षद आप में हुए थे शामिल
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में डेराबस्सी से कांग्रेस उम्मीदवार दीपिंदर सिंह के बेटे उदयवीर ढिल्लों को 2021 में जीरकपुर नगर परिषद के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था, जब कांग्रेस ने परिषद चुनावों में 23 सीटें जीती थीं। बाकी 8 सीटें शिरोमणि अकाली दल ने जीतीं। 2022 में राज्य में आम आदमी पार्टी गठबंधन बनने के बाद 13 कांग्रेस पार्षद आप में शामिल हो गए। सोमवार को आप के 13 पार्षद और अकाली दल के 8 पार्षद एकसाथ स्कूल बस में परिषद कार्यालय पहुंचे और अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।