गुंजन कैहरबा/निस
इन्द्री, 17 जुलाई
गांव नन्हेड़ा स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक पाठशाला के प्राथमिक शिक्षक महेंद्र खेड़ा को जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने निलंबित कर दिया, जिससे अध्यापकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों में रोष बढ़ता जा रहा है। लोगों का कहना है कि स्कूल सौंदर्यीकरण, शिक्षा की गुणवत्ता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जिस अध्यापक का कार्य पूरे शिक्षा जगत के लिए प्रेरणा का स्रोत बना है, उसी अध्यापक को उसकी मेहनत के पुरस्कार के रूप में निलंबन प्रदान किया है। ग्रामीणों ने कहा कि यह फैसला किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लोगों ने सवाल उठाया कि इसी वर्ष करनाल में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिस अध्यापक को सम्मानित किया, उसी अध्यापक को निलंबित करने का फैसला करके अधिकारी आखिर क्या सिद्ध करना चाहते हैं।
अध्यापक के निलंबन के खिलाफ हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य उपाध्यक्ष जगतार सिंह, राज्य कमेटी सदस्य अनिल सैनी, जिला प्रधान रमेश शर्मा, जिला सचिव शमशेर सिंह, जिला उपाध्यक्ष श्याम लाल शास्त्री, सर्व कर्मचारी संघ जिला प्रधान सुशील गुर्जर, इन्द्री खंड प्रधान बलराज सिंह, पूर्व प्रधान मान सिंह चंदेल, खंड सचिव धर्मवीर लठवाल, कोषाध्यक्ष दयाल चंद, खंड सचिव नीलोखेड़ी अजय कुमार, निसिंग खंड प्रधान गोधा राम शास्त्री सहित अनेक नेताओं की अगुवाई में अध्यापक जिला मौलिक शिक्षा कार्यालय पहुंचे। गुस्साए अध्यापक व सामाजिक कार्यकर्ता जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी से निलंबन के कारण जानना चाहता थे। बाद पंचायत भवन में अध्यापक संघ के नेताओं ने डीईईओ विनोद कौशिक से भेंट की और अध्यापक को तुरंत बहाल करने की मांग उठाई। राज्य उपप्रधान जगतार सिंह और राज्य कमेटी सदस्य अनिल सैनी ने अधिकारी को कहा कि सोमवार तक अध्यापक के निलंबन को वापिस लेकर बहाल करने और मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग उठाई। डीईईओ से मुलाकात में पैंशन बहाली संघर्ष समिति व अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।
कार्यभार ग्रहण करते ही डीईईओ ने दिया आदेश
जगतार सिंह, अनिल सैनी व जिला प्रधान रमेश शर्मा ने कहा कि सोमवार 15 जुलाई को विनोद कौशिक ने डीईईओ के पद पर कार्यभार ग्रहण किया और उसी दिन बिना जांच किए उन्होंने अध्यापक महिन्द्र खेड़ा के निलंबन का आदेश जारी कर दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि निलंबन का आदेश देने की ऐसी क्या जल्दबाजी थी।