चंडीगढ़, 17 जुलाई (ट्रिन्यू)
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों व छोटे व्यापारियों की मिट्टी निपटान से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने बुधवार को चंडीगढ़ में खनन एवं भूविज्ञान विभाग का पोर्टल लांच किया। इसके जरिये अब किसान व छोटे व्यापारी घर बैठे ही मिट्टी के प्रयोग से संबंधित परमिट ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे। इस कदम से किसानों, छोटे व्यापारियों को ही नहीं बल्कि गांव के रेहड़ा व बुग्गी वाले किसानों को भी बड़ी राहत मिलेगी।
चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पोर्टल लांच करते हुए सीएम ने कहा कि किसान व छोटे व्यापारी लंबे समय से मिट्टी से संबंधित विभागीय अनुमति व अन्य प्रक्रिया के जटिल होने के कारण कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे थे। उनके समाधान के लिए ही पोर्टल लांच किया है। किसान व छोटे व्यापारी अगले 2 महीने तक ऑनलाइन प्रक्रिया के साथ-साथ ऑफलाइन भी संबंधित माइनिंग ऑफिसर के पास जाकर एनओसी प्राप्त कर सकेंगे। इससे पहले इन सब कार्यों के लिए व्यक्तिगत रूप से किसानों व छोटे व्यापारियों को कार्यालय में जाकर सभी कागजात जमा करवाकर अनुमति लेनी पड़ती थी।
ऑनलाइन परमिट जारी होने के बाद रास्ते में किसानों व छोटे व्यापारियों को न तो माइनिंग ऑफिसर रोक सकेंगे और न ही पुलिस वाले तंग कर सकेंगे। सैनी ने कहा कि अब किसान अपने खेत को समतल करने के लिए भी इस पोर्टल के माध्यम से आनलाइन एनओसी प्राप्त कर सकेंगे। किसान मिट्टी भरत के कार्य के लिए भी इस पोर्टल के माध्यम से एनओसी प्राप्त कर सकेंगे। उन्हें किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। 200 रुपये की परमिट फीस भी सरकार ने समाप्त कर दी है। उन्होंने कहा कि साधारण मिट्टी के व्यवसाय से जुड़े छोटे व्यापारी भी अब इस पोर्टल के माध्यम से अनुमति प्राप्त कर सकेंगे।
ऐसे व्यापारी 450 घन मीटर तक साधारण मिट्टी के उत्खनन करने की अनुमति इस पोर्टल के माध्यम से घर बैठे प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए ई-रवाना की भी जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यापारी जो 450 घन मीटर से अधिक मात्रा की मिट्टी के उत्खनन में शामिल है, वह भी इस पोर्टल के माध्यम से घर बैठे अनुमति प्राप्त कर सकेंगे। उनको ई-रवाना भी देना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में हमने ग्राम पंचायतों को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। जिस गांव में साधारण मिट्टी का उत्खनन किया जाएगा, उस गांव के सरपंच अथवा ग्राम सचिव से एनओसी लेनी जरूरी होगी। जिस गांव में साधारण मिट्टी का उत्खनन होगा, उस मिट्टी के उत्खनन से प्राप्त रायल्टी का 50 प्रतिशत हिस्सा संबंधित ग्राम पंचायत के खाते में जमा होगा। इससे संबंधित ग्राम पंचायत गांव का कोई भी विकास कार्य करवा सकेंगी।
अधिकारी का कर्तव्य सेवा के साथ लोगों का जीवन सरल बनाना : नायब सैनी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को चंडीगढ़ में हरियाणा सिविल सेवा-2023 उत्तीर्ण करने वाले 113 अभ्यर्थियों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि एक अधिकारी का प्रथम कर्तव्य जनता की सेवा करना और उनके जीवन को सरल बनाना है। इसलिए आप सभी पूरी मेहनत और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि आज ही सभी चयनित अभ्यर्थियों की ज्वाइनिंग करवाएं।
सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 सालों में देश में नौकरियों में जिस प्रकार से पारदर्शिता देखने को मिली है। उसी सोच के अनुसार हरियाणा सरकार ने भी पिछले 10 वर्षों में लगातार बिना पर्ची-बिना खर्ची के केवल मेरिट पर सरकारी नौकरियां दी हैं। पहले किसी का कोई रिश्तेदार होता था वही एचसीएस लगता था, लेकिन हमारे मिशन मैरिट के कारण आज बिना पर्ची-बिना खर्ची के गरीब परिवार के बच्चे भी अधिकारी लग रहे हैं।
इस मौके पर मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने कहा, आप सभी गरीबों के जीवन में आने वाली सभी प्रकार की समस्याओं से परिचित हैं। इसलिए आप सेवा में रहते हुए उनकी समस्याओं का निराकरण अवश्य करें। उन्होंने सभी चयनित अभ्यर्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपनी सेवा में ईमानदारी और नैतिकता कभी न छोड़ें।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, सीएम के प्रधान सचिव वी़ उमाशंकर, विशेष अधिकारी (कम्युनिटी पुलिसिंग और आउटरीच) पंकज नैन, पब्लिक रिलेशन के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) गौरव गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।