अरविंद शर्मा /निस
जगाधरी, 17 जुलाई
यूरिया खाद की बिक्री में गोलमाल करने वालों पर अब कृषि विभाग और ज्यादा सख्ती करने जा रहा है। इसे लेकर कृषि विभाग के उप निदेशक कार्यालय ने विशेष नीति बनाई है, इसके तहत लाइसेंस की विशेष वैरीफिकेशन करने के अलावा टेक्निकल ग्रेड के यूरिया की आपूर्ति एवं खपत पर विशेष नजर रखी जाएगी। गड़बड़ पाये जाने पर एक दिन पहले खाद विक्रेता फर्म का लाइसेंस
सस्पेंड किया।
कृषि विभाग के उप निदेशक डाॅ. आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि इस समय जिले में खाद विक्रेताओं के 11 सौ लाइसेंस हैं। बीते तीन साल के अदंर करीब साढ़े चार सौ नये लाइसेंस बने हैं। उन्हें जानकारी मिली है कि कुछ विक्रेता अपनी दुकानों को असमय खोलते हैं। दिन की बजाय कई बार रात को भी दुकान खोलते हैं। चैकिंग के समय वे दुकानों को लाक करके इधर-उधर खिसक जाते हैं। पता चला है कि ऐसे लाइसेंसधारक ही कृषि ग्रेड यानि टैक्निकल यूरिया खाद की कालाबाजारी करते हैं। डाॅ. डबास का कहना है कि विशेषकर ऐसे लाइसेंस धारकों की चैकिंग, इनके द्वारा भेजे गए खाद की जांच की जाएगी। दुकान बंद पाए जाने पर नोटिस चस्पा कर इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा जिन्होंने नियमों की बार-बार अनदेखी की है ऐसे लाइसेंस धारकों की सूची पुलिस को दी जाएगी। इन पर पुलिस व कृषि विभाग पैनी नजर रखेगा।
‘एक खाद विक्रेता का लाइसेंस सस्पेंड’
कृषि विभाग के उप निदेशक डाॅ. आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि एक कृषि अधिकारी को पैक्सो, इफको, कृभको व दूसरे सहकारी बिक्री केंद्रों पर खाद की स्थिति पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद की कतई किल्लत नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गड़बड़ पाये जाने पर गत दिवस ही एक खाद विक्रेता फर्म का लाइसेंस सस्पेंड किया गया है।